बिलासपुर

झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से बिगड़ी बच्चे की तबीयत, आरोपी गिरफ्तार

बिलासपुर

मस्तूरी थाना क्षेत्र के परसदा में बच्चे का झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से तबियत बिगड़ गई. डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से बच्चे की जान खतरे में पड़ गई. सामान्य सर्दी खांसी का इलाज करने के नाम पर लगाए गए इंजेक्शन से मरीज को इंफेक्शन हो गया था. इस मामले में मरीज की मां की रिपोर्ट पर मस्तूरी पुलिस ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.

बिलासपुर शहर से लगे ग्राम परसदा में टहनी वाले 59 वर्षीय ग्रामीण हेतराम को सर्दी, खासी की शिकायत थी. हेतराम ने अपना इलाज कराने गांव के झोलाछाप बंगाली डॉक्टर निखिल विश्वास के पास 31 अगस्त को पहुंचे. डॉक्टर ने हेतराम को एक इंजेक्शन लगाया और कुछ टेबलेट खाने के लिए दिया. दूसरे दिन 1 सितंबर को डॉक्टर लगाए इंजेक्शन के स्थान पर सूजन हो गया और त्वचा काला पढ़ने लगा. उस जगह से जख्म निकल आया. इलाज से मरीज की स्थिति गंभीर हो गई. स्थिति को देखते हुए मरीज की मां ने इलाज के लिए उसे सरकारी अस्पताल मस्तूरी ले गई. यहां डॉक्टरों द्वारा हेतराम की गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल इलाज के लिए सिम्स अस्पताल रेफर कर दिया. सिम्स में डॉक्टरों ने चेक करने के बाद मरीज हेतराम को तत्काल रायपुर रेफर कर दिया.

खुद को बचाने आरोपी ने खेल खेलना चाहा: पूरे मामले में आरोपी डॉक्टर निखिल विश्वास खुद को बचाने के लिए अस्पताल आया. नोवल अस्पताल बिलासपुर में अपना जान पहचान का हवाला देते हुए वहां इलाज कराने की बात की. हेतराम को नोबेल अस्पताल ले गया. डॉक्टरों ने हेतराम के खून की जांच कर इंफेक्शन बहुत अधिक होना बताया. नोवल अस्पताल के डॉक्टर ने मरीज के परिजनों को इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी. मरीज की मां ने अपने पुत्र हेतराम को महादेव अस्पताल बिलासपुर भर्ती कराया और मामले की रिपोर्ट मस्तूरी थाना में की.पुलिस ने आवेदन के आधार पर की कार्रवाई: मस्तूरी टीआई प्रकाश कांत ने बताया कि गया इलाज करा रही मरीज की मां ने मामले की जानकारी मस्तूरी थाना में आवेदन देकर की. आवेदन के आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर निखिल विश्वास के मेडिकल के संबंध में डिग्री की जानकारी मांगी. आरोपी निखिल विश्वास द्वारा डिग्री नहीं होना बताया. जिसपर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है.

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