कोरबा

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के दिन से धान खरीदी की शुरुआत, चुनावी शोर में धान तिहार की तैयारी अधूरी, टारगेट भी बढ़ाया

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छत्तीसगढ़ में धान तिहार शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस यानी 1 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. हालांकि चुनावी साल की वजह से फिलहाल धान खरीदी को लेकर उतना उत्साह नहीं दिख रहा. वहीं धान खरीदी के लिए टोकन भी गिने चुने ही कटे हैं. आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि कोरबा जैसे आदिवासी जिलों में धान बेचने के लिए एक भी टोकन नहीं कट सका है.

बिना बायोमेट्रिक के ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी: केंद्र सरकार ने धान खरीदी केंद्रों में इस बार बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था करने का आदेश जारी किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में किसी भी केंद्र में बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था फिलहाल नहीं हो सकी है. राज्य सरकार के सचिव ने सभी कलेक्टर और संभाग आयुक्तों को पत्र लिखकर बिना बायोमेट्रिक के ही धान खरीदी की शुरुआत करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि बायोमेट्रिक मशीन लगाने के लिए टेंडर हो चुका है. बायोमेट्रिक मशीन के लिए जिस कंपनी को टेंडर मिला है, उसने धान खरीदी केद्रों में बायोमेट्रिक की व्यवस्था के लिए थोड़ा समय मांगा है. यही वजह है कि फिलहाल बिना बायोमेट्रिक के ही धान खरीदी होगी.एक एकड़ में 20 क्विंटल खरीदी, 125 लाख मीट्रिक टन टारगेट: पिछले साल छत्तीसगढ़ में 23 लाख 42 हजार किसानों से धान खरीदी हुई थी. धान के बदले करीब 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किसानों को हुआ. सहकारी समितियों में इस बार 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का टारगेट रखा गया है.

फिर टूट सकता है छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का रिकार्ड: साल 2022-23 में छत्तीसगढ़ में 107 लाख 51 हजार 858 मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बना. साल 2021-22 में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का रिकॉर्ड था. अब इस साल पुराने रिकॉर्ड टूटने का भी अनुमान है. दरअसल सरकार ने प्रति एकड़ धान खरीदी की सीमा को 15 से बढ़ाकर 20 क्विंटल कर दिया है, लिहाजा ज्यादा धान खरीदी होना तय है.2 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया नया पंजीयन: छत्तीसगढ़ में 26 लाख 48 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. किसानों की कर्जमाफी के बाद मौजूदा वर्ष में 2 लाख 42 हजार नए किसानों ने पंजीयन कराया है. धान बेचने के लिए किसानों की संख्या बढ़ी है. छोटे किसानों ने भी अपना पंजीयन करा लिया है. अब यह किसान खुले बाजार के बजाय सरकार को धान बेचेंगे ताकि उन्हें समर्थन मूल्य पर ज्यादा लाभ मिल सके.

छत्तीसगढ़ में 2497 धान खरीदी केंद्र: छत्तीसगढ़ में 2 हजार 497 धान खरीदी केंद्र हैं. पिछले साल नए धान खरीदी केंद्र भी खुले हैं. कुछ जगहों पर और भी नए धान खरीदी केंद्र खोलने का प्रस्ताव है. नए धान खरीदी केंद्र से किसानों को फायदा होगा. किसानों को धान लेकर ज्यादा दूर तक सफर नहीं करना पड़ेगा.

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