छत्तीसगढ़

सात लाख इनामी नक्सली दंपती किया सरेंडर, भेदभाव और हिंसा से तंग आकर किया समर्पण

दंतेवाड़ा

किरंदुल में नक्सली उन्मूलन अभियान के चलाए जा रहे छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली मिलिट्री प्लाटून के सात लाख के इनामी नक्सली दंपती ने समर्पण कर दिया। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि पुलिस की ओर से चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान (घर वापसी) से प्रभावित होकर नक्सली समर्पण कर रहे हैं। समर्पण करने वाले नक्सली दंपती प्रतिबंधित नक्सल संगठन से जुड़े थे। समर्पण करने वाले नक्सली दंपती मलांगर एरिया कमेटी अंतर्गत कार्यरत प्लाटून नंबर 24 का पीपीसीएम/ “बी” सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम एवं प्लाटून नंबर 24 की पार्टी सदस्य बुधरी माड़वी पत्नी हुर्रा कुंजाम है। दोनों दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड कटेकल्याण के है। मंगलवार को नक्सली दंपती ने विनय कुमार सिंह उप पुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ, पुलिस अधीक्षक जिला दंतेवाड़ा सिद्धार्थ तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के समक्ष समर्पण किया। नक्सली दंपती ने मुख्यधारा में जुड़ने का निर्णय लिया। समर्पण करने वाले नक्सली दंंपती ने पुलिस के बताया कि नक्सली संगठन के बड़े नेता भेदभाव करते हैं और लगातार हिंसा के लिए आगे भेजते हैं। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवार ने बताया छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीतियों और पुलिस के लोन वर्राटू अभियान का असर पड़ रहा है। ग्रा्मीणों के दबाव और नक्सलियों के खोखली विचारधार से परेशान होकर संगठन से नक्सली मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 130 इनामी नक्सली सहित कुल 539 नक्सली समर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं। समर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से हुनरमंद बनाने के लिए विभिन्न ट्रेडों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे वे काम सीखने के बाद परिवार के लिए आजीविका कमा सके। फोर्स के लगातार दबाव और सरकार की इन योजनाओं से प्रभावित होकर संगठन से नक्सली किनारा कर रहे हैं।

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