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शराबबंदी कानून में 9 महीने से जेल में बंद था युवक, जज ने इस अनोखी शर्त के साथ दी जमानत

मधुबनी

बिहार में जारी शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप में जेल में बंद आरोपी की जमानत के लिए कोर्ट ने एक ऐसी शर्त रखी जिसकी चहुंओर चर्चा हो रही है. मालमा मधुबनी से जुड़ा है जहां के झंझारपुर कोर्ट ने मुजरिम की जमानत याचिका को सशर्त मंजूरी दी है. एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) के कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी को आइंदा शराब बंदी कानून (No Liquor Policy) का पूर्णतया पालन करने के साथ ही पांच गरीब परिवार के बच्चों को तीन माह तक निःशुल्क शिक्षा दिलाने के बाद उनके परिवार से लिखित प्रमाणपत्र लेकर कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया. दरअसल मामला झंझारपुर अनुमंडल से जुड़ा है. झंझारपुर के मधेपुर थाना में 16 नवंबर 2020 को चौकीदार जलधारी पासवान के आवेदन पर शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले में केस दर्ज हुआ था. इसमें मधेपुर थाना क्षेत्र निवासी नीतीश कुमार यादव समेत कई अन्य लोगों को आरोपित किया गया था. एफआईआर के मुताबिक, सभी आरोपी पचही गांव के पास स्कार्पियो और बाइक से शराब की तस्करी कर रहे थे. ग्रामीणों की सूचना पर चौकीदार जलधारी पासवान ने अपने साथी चौकीदार के साथ शराब के धंधेबाजों को रोकने की कोशिश की, लेकिन सभी आरोपी हवाई फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए थे. वादी का आरोप है कि शराब तस्करी में इस्तेमाल हो रही एक बाइक को नीतीश कुमार यादव चला रहा था. इस मामले में नीतीश कुमार यादव 16 नवंबर से जेल में बंद है. एडीजे कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा नीतीश की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जिस पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीजे (प्रथम) की कोर्ट ने शराबबंदी कानून का पूरी तरह पालन करने के साथ ही पांच गरीब परिवार के बच्चों को 3 महीने तक निःशुल्क शिक्षा दिलाने की शर्त पर जमानत अर्जी को मंजूरी दी है. कोर्ट के इस आदेश की हर जगह सकारात्मक चर्चा हो रही है.

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