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जन्म और मृत्यु प्रमाण से जुड़ा संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, पास हुआ तो हो जाएंगे ये बदलाव

नई दिल्ली

संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। इसी बीच सरकार ने बुधवार को लोकसभा में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से इस विधेयक को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया। लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (1969 का 18) (अधिनियम) जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के विनियमन और उससे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था।

बता दें कि इस विधेयक में किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, आधार संख्या, विवाह का पंजीकरण या सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए एकल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र के इस्तेमाल की अनुमति देने का प्रस्ताव है। यह विधेयक पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय डेटाबेस बनाने में भी मददगार साबित होगा।

इस बिल में पहली बार संशोधन का प्रस्ताव
नित्यानंद राय ने कहा कि, इस अधिनियम में अबतक संशोधन नहीं किया गया था और इसके संचालन की अवधि के दौरान सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने और इसे अधिक नागरिक अनुकूल बनाने के लिए अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, आम जनता और अन्य हितधारकों के साथ किए गए परामर्श के आधार पर एक विधेयक के रूप में अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए दावा किया कि सदन में ऐसा करने के लिए ‘विधायी क्षमता’ का अभाव है। हालांकि, बाद में विधेयक को ध्वनिमत से पेश किया गया।

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