छत्तीसगढ़

3 साल के मासूम बच्ची की नदी में बहने से मौत: राशन लेने जा रही मां को पता ही नहीं था कि बेटी भी पीछे से आ रही है, मां पार कर गई नदी लेकिन बह गई मासूम

राशन लेकर घर लौटी महिला ने बेटी को घर में न पाकर खोजबीन की शुरु, नदी में मिली लाश

मैनपाट

तीन साल के एक मासूम बच्ची की नदी में बहने से मौत हो गई। दरअसल मां को आगे-आगे जाते देख मासूम बेटी भी घर से निकल गई थी। मां को पता ही नहीं था कि बेटी भी पीछे से आ रही है। वह बिना पीछे मुड़े नदी को पार कर गई लेकिन बेटी बह गई। जब वह लौटी तो बेटी की खोजबीन शुरु हुई। इसी बीच उसकी लाश नदी में झाडिय़ों के बीच फंसी मिली। घटना में मासूम की मौत से मां सदमे में है। मैनपाट के ग्राम पैगा निवासी फूलसुंदरी बाई बुधवार की दोपहर करीब 3 बजे राशन लेने जा रही थी। राशन के लिए नदी के दूसरी ओर जाना पड़ता है। नदी में पुलिया न हो पाने के कारण क्षेत्र के ग्रामीणों को पैदल ही नदी पार करना पड़ता है। फूलसुंदरी भी घर से निकलकर नदी पार कर चली गई। उसे यह पता भी नहीं था कि पीछे-पीछे उसकी 3 वर्षीय मासूम बेटी आ रही है। मां को नदी पार करते देख वह भी नदी पार करने लगी। इसी बीच पानी के तेज बहाव में वह बह गई और उसकी मौत हो गई। इधर फूलसुंदरी राशन लेकर जब लौटी तो बेटी को घर में न पाकर उसकी खोजबीन करने लगी। उसने पड़ोसियों से पूछा लेकिन उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। इसी बीच महिला व उसके अन्य परिजन मासूम बेटी को खोजते हुए नदी के पास पहुंचे। यहां खोजबीन के दौरान नदी के बीच झाडिय़ों में मासूम की लाश औंधे मुंह पड़ी मिली। मासूम बेटी का शव देख मां वहीं दहाड़ मार-मारकर रोने लगी। बेटी को गोद में लेकर परिजन भी रो पड़े। घटना से गांव सहित परिजनों में मातम पसरा हुआ है। मैनपाट से होकर मछली नदी, पैगा नदी गुजरती है। इन नदियों को पार करने पुल-पुलियों का निर्माण नहीं किया जा सका है। ऐसे में बारिश के दिनों में कई गांव मुख्यालय से कट जाते हैं। मैनपाट से कई बार ऐसी तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं जब मरीजों या गर्भवती को झेलगी या खाट पर ढोकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता की वजह से क्षेत्र के लोग इसका दंश वर्षों से झेल रहे हैं।

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