छत्तीसगढ़

करमा महोत्सव 2023 का भव्य समापन, लोक संस्कृति ही हमारी पहचान हैं :अमरजीत भगत

अंबिकापुर

कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के मुख्य आतिथ्य में सीतापुर में जिला स्तरीय करमा महोत्सव का भव्य समापन हुआ। मांदर की थाप पर परंपरागत वेशभूषा में लोकनृत्यों की मनोहारी प्रस्तुति दी गई। दो अक्टूबर से चल रहे इस करमा महोत्सव में करमा, सुआ और शैला नृत्य विधाओं में कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी। करमा महोत्सव का समापन सीतापुर स्टेडियम ग्राउंड में हुआ। लोक नृत्यों और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें कई टीमों ने भाग लिया। कैबिनेट मंत्री भगत ने विजेता टीमों को पुरस्कार का वितरण किया, साथ ही आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस आयोजन की शुरुवात हुई है।सरगुजा आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां की संस्कृति देशभर में प्रसिद्ध हैं। ऐसे आयोजनों से लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं और लोगो के बीच स्नेह व प्यार बना रहता हैं। यह हमारे प्रदेश की संस्कृति और कलाओं से परिचय कराती है सभी प्रतिभागियों के उत्साह बढ़ाने यह आयोजन किया हैं, ऐसे आयोजन लगातार होते रहे है और आगे भी होते रहेंगे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की। इस दौरान मदरसा बोर्ड के उपाध्यक्ष इरफान सिद्दीकी, राज्य उर्दू अकादमी के सदस्य बदरुद्दीन इराकी, जनपद पंचायत अध्यक्ष मैनपाट उर्मिला खेस, आदित्य भगत सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार एवं ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

करमा नृत्य विधा में मैनपाट का दल प्रथम रहा, द्वितीय स्थान भी डांगबुडा मैनपाट ने हासिल किया, तीसरे स्थान पर सूर सीतापुर का दल रहा। इसी तरह सुआ में प्रथम ग्राम मांजा बतौली, द्वितीय काराबेल मैनपाट और तीसरा स्थान धरमपुर सीतापुर के दल ने प्राप्त किया। शैला में प्रथम बरगई अम्बिकापुर, दूसरा स्थान पोपरेंगा बतौली और तीसरा स्थान नवानगर अंबिकापुर ने प्राप्त किया।

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