नदी में बहे दो भाई, एक का मिला शव, ग्रामीणों ने कहा- कि गांव में पुलिस आएगी तो नक्सली हम को मारेंगे, पढ़े पूरी खबर
दंतेवाड़ा
बैलाडीला की तराई क्षेत्र में बसे लोहा गांव के दो भाई लाल नदी में बह गए। ग्रामीणों ने एक का शव नदी से निकाला, वहीं दूसरे की तलाश जारी है। लोहा गांव के युवक छन्नू मांडवी ने बताया कि रविवार को किरंदुल साप्ताहिक बाजार में रोजमर्रा का सामान लेकर तीन लोग गांव के लिए निकले थे।
नदी में पानी बहुत था तो एक बुजुर्ग को नदी के किनारे बैठा कर दोनों भाई शुकु कुंजाम और बुधराम कुंजाम नदी को पार कर दूसरी ओर समान ले जाकर छोड़ने गए, लेकिन वे दोनों नदी के तेज बहाव में बह गए। ग्रामीणों ने सोमवार को दोनों को ढूंढना शुरू किया। जिसमें एक युवक का शव काफी दूर नदी के किनारे मिला। वहीं दूसरा अब तक लापता है। छन्नू ने बताया कि एनएमडीसी के लोहा अयस्क खदान का लाल पानी नंदराज पहाड़ के किनारे से होकर हमारे गांव से बहकर निकलता है और बरसात के दौरान अक्सर ये हादसा होता है। कई बार पुलिया की मांग की गई, लेकिन आज तक हमारे गांव में सरकार की कोई भी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंची, जैसे-तैसे बुजुर्ग अपने गांव पहुंचे और ग्रामीणों को सूचना दी।
इस संबंध में थाना प्रभारी किरन्दुल जितेंद्र ताम्रकर ने कहा कि अभी तक थाने में ऐसी कोई शिकायत नही आई है। जब ग्रामीण से पूछा गया कि आप इसकी शिकायत थाना में क्यों नहीं कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि गांव में पुलिस आएगी तो नक्सली हम को मारेंगे। इसलिए हम लोगों को मुआवजा नहीं चाहिए। हम लोग अंतिम संस्कार कर देंगे। बस नदी में अगर पुल बन जाए तो हम लोगों को राहत मिल जाएगी।
किरंदुल से 19 किलोमीटर की दूरी पर लोहा गांव बैलाडीला पहाड़ियों के पीछे बसा है, जहां पहाड़ियों के रास्ते नदी नाला पार कर पैदल ही जाया जा सकता है। इस गांव तक पहुंचने के लिए सिर्फ पगडंडी ही सहारा है। इस गांव में माओवादियों की हुकूमत चलती है। जिसके चलते ग्रामीण खुलकर अपना दुख भी बयां नहीं कर सकते। जिले में गुरुवार से शनिवार के बीच जोरदार वर्षा हुई थी जिससे सभी नदी नाले उफान पर थे।