मौतें, हांफती जिंदगी और तैरती गाड़ियां… पहाड़ से लेकर दिल्ली और रेगिस्तान तक बारिश से हाहाकार
नए दिल्ली
बारिश हर तरफ कहर बरपा रही है. पहाड़ हो, मैदान हो, या फिर रेगिस्तान हो… हर तरफ सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है. ये सैलाब लोगों के लिए आफत बन गया है. उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण रविवार को राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब में 31 लोगों की मौत हो गई. एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक ही परिवार के नौ लोग नदी में बह गए. वहीं, चार राज्यों में कम से कम आठ लोग लापता हैं.
राजस्थान में खासतौर पर जयपुर और भरतपुर में मानसून की मार सबसे ज्यादा पड़ी, जहां 17 लोगों की मौत हो गई और पांच लोग लापता हो गए. हरियाणा के गुरुग्राम में लगातार बारिश के बाद घर और सड़कें डूबने लग गई हैं. हालात दिल्ली के भी खराब हैं. तेज बारिश से राजधानी की प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गईं, यातायात थम गया, उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा. बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो बच्चों की मौत हो गई.
हिमाचल में हालात बद से बदतर
हिमाचल प्रदेश के ऊना में भारी बारिश कहर बनकर बरसी. सैलाब के हाहाकारी रूप से अलग-अलग जगहों पर 11 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि औद्योगिक क्षेत्र में भारी तबाही हुई. दरअसल, ऊना के देहला गांव में पानी में बह जाने से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 लोग लापता हैं. ये 11 लोग एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए महिपालपुर जा रहे थे. तभी हिमाचल-पंजाब सीमा पर पानी के तेज बहाव में उनकी इनोवा कार फंस गई और सभी लोग सैलाब में बह गए.
ऊना में लगातार 10 घंटे बारिश हुई, जोकि जानलेवा सैलाब लेकर आई. हाहाकारी पानी और गाद के आगे जो भी आया वो मिट गया. पेट्रोल पंप से लेकर खड़ी गाड़ियां पतवार की तरह बह गईं. फैक्ट्रियों के अंदर हर तरफ पानी भर गया. कहीं छत उजड़ गया, तो कई दीवारें गिर गई. टाहलीवाल इंडस्ट्रियल एरिया से सटे एक कुंड के ओवरफ्लो होने से तबाही आई है, जिसकी चपेट में आकर 3 लोग बह गए और 1 लापता है.
नदियों के उफान से हिमाचल के शिमला, मंडी और सिरमौर समेत 6 जिलों में अब भी बाढ़ का खतरा बरकरार है. राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण भारी तबाही हुई है. हिमाचल सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि दो दिन से भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण 280 से अधिक सड़कें बंद हो गईं, जबकि इस सीजन में अब तक राज्य को करीब 842 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है. 27 जून से 9 अगस्त तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है. मौसम विभाग ने बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
उत्तराखंड में दरक रहे हैं पहाड़
बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से सिर्फ हिमाचल ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड भी प्रभावित है. बदरीनाथ नेशनल हाईवे और केदार घाटी में लैंडस्लाइड से जनजीवन बेहाल है. बदरीनाथ हाईवे पर फिर पहाड़ दरके हैं और केदारघाटी के भीमबली में लैंडस्लाइड हुआ. यहां कुदरत कहर बरपा रही है. चमोली जिले में छिनका पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया, जिसकी वजह से बदरीनाथ हाईवे घंटो बंद रहा. वहीं, केदारघाटी में पहाड़ के दरकने का सिलसिला जारी है. रविवार को भी भीमबली के सामने वाली पहाड़ी से जबरदस्त भूस्खलन हुआ और मलबे से मंदाकिनी नदी में एक झील बन गई. हालात को देखते हुए प्रशासन ने गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक यात्रा नहीं करने की सलाह दी है.
राजस्थान में बारिश आफत बनकर आई
राजस्थान के लिए रविवार का दिन आफत की बारिश लेकर आया. राजस्थान के 5 से ज्यादा जिलों में मूसलाधार बारिश देखने को मिली है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आया है. भारी बारिश के बाद सड़कें लबालब हो गईं, जिसकी वजह से गाड़ियां रेंगती रहीं और जिंदगियां मुश्किलों में फंस गईं. इन सब के बीच सबसे दर्दनाक खबर सूबे की राजधानी कही जाने वाली पिंक नगरी जयपुर में सामने आई. यहां जयपुर के कानोता बांध पर सैकड़ों की संख्या में लोग छुट्टी मनाने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान 6 युवक भी घूमने आए थे, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ देर में उनके साथ क्या होने वाला है. सभी 6 दोस्त नहाने लगे. अचानक एक युवक का पैर फिसल गया और नीचे की ओर गिर गया. इस दौरान साथ के पांच युवक भी पानी में गिर गए. इनमें से एक को वहां मौजूद लोगों ने सुरक्षित बाहर निकल आया, लेकिन बाकी के पांच दोस्त डूब गए.
वहीं, राजस्थान के गंगापुर में बारिश के लगातार जारी रहने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई. सड़कों पर घुटने भर पानी भर गया. शहर का कोई ऐसा कोना नहीं बचा, जहां जलभराव ना हुआ हो. सैकड़ों दुकानों के भीतर पानी घुस गया. हालात ऐसे बन गए कि स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई. राजस्थान का करौली भी बारिश से कराह रहा है. यहां 50 साल में पहली बार रणगमा तालाब में सैलाब आया. लगातार बारिश से शहर के कई इलाके में 4 फीट तक पानी जमा हो चुका है. सैकड़ों दुकान भी डूबे हुए हैं. 24 घंटे में यहां 155 MM बारिश दर्ज की गई.
राजस्थान के भरतपुर में एक बड़ा हादसा हो गया. अचानक नदी का बहाव तेज होने से 7 युवक बह गए. सभी नदी में नहाने गए थे. भरतपुर के बयाना तहसील के श्रीनगर गांव में मातम पसरा है. परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. बताया जा रहा है कि हादसा रील बनाने और नहाने के दौरान हुआ. एक युवक खुद ही जैसे-तैसे बाहर निकला और ग्रामीणों को घटना की सूचना दी. वहीं, राजस्थान के कुछ इलाकों में बारिश थम नहीं रही है, जिसकी वजह से बरसाती नदियां लगातार उफान पर हैं.
दिल्ली-NCR की सड़कें हुईं लबालब
मिलेनियम सिटी के नाम से मशहूर गुरुग्राम भी पानी से लबालब हो गया. गगनचुंबी इमारतें और मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर से भरी गुरुग्राम की सड़कें तालाब बन गईं. देखकर ऐसा लगा जैसे ये गुरुग्राम नहीं कोई जलग्राम है. शीतला माता मंदिर रोड अंडरपास और मंदिर चौक पर पानी ही पानी नजर आया. जलभराव के बीच लोग सड़कों पर गाड़ी दौड़ाते दिखे. कुछ गाड़ियां पानी में फंसकर बंद हो गईं, तो उसे धक्के देकर निकाला गया, लेकिन मूसलाधार बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी.
लगातार हो रही बारिश से नोएडा भी पानी पानी हो गया. बारिश की वजह से सड़कों पर सैलाब जैसा नजारा है. बारिश से लोगों के वीकेंड का मजा किरकिरा हो गया. पानी में आने जाने वाले लोगों की गाड़ियां तक बंद हो गईं. सड़कों पर तीन से चार फुट पानी भर गया. क्या बच्चे, क्या बड़े जान जोखिम में डालकर सड़क पार करते नजर आए. कुछ लोग गाड़ियों को धक्का देते नजर आए. बारिश को लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले 24 घंटे तक दिल्ली और आसपास के इलाकों भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
दिल्ली में बारिश आफत बनकर आई. रोहिणी में डूबने से एक 8 साल के मासूम की मौत हो गई, तो वहीं करंट लगने से 13 साल का बच्चा मौत की नींद सो गया. पहली घटना रोहिणी के डीडीए पार्क की है, जहां पानी ने भरे गड्ढे में डूबकर 8 साल के तरुण की मौत हो गई. वो खेलते-खेलते गड्ढे में जा गिरा. परिजनों ने इसके लिए MCD और पार्क प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है. दूसरी घटना राजधानी के रनहोला इलाके की है, जहां क्रिकेट खेलते समय 13 साल के बच्चे को करंट लग गया और उसकी मौत हो गई. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने सड़क को जाम कर दिया. कोटला विहार फेज टू में बिजली के लीकेज को मौत का कारण माना जा रहा है.
पटना में विधानसभा परिसर में घुसा पानी
बिहार की राजधानी पटना में भारी बारिश के कारण बिहार विधानसभा परिसर, कई मंत्रियों के बंगले और शहर के अस्पताल जलमग्न हो गए. पटना में 41.8 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण शहर के अधिकांश पॉश और निचले इलाकों में जलभराव हो गया, जिसमें स्ट्रैंड रोड, राजबंसी नगर, बोरिंग रोड, बेली रोड और पाटलिपुत्र कॉलोनी शामिल हैं. इससे ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ और जलमग्न इलाकों में वाहनों की आवाजाही बाधित हुई. शहर के कई अस्पताल भी प्रभावित हुए हैं. आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने अपने आवास का वीडियो शेयर किया, जहां पानी ही पानी नजर आ रहा है.