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छात्रों को बांटने के बजाए कबाड़ में बेच दी सरकारी किताबें, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के खुलासे के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने किया जांच दल का गठन…

रायपुर। सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल के गोदाम में रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने रविवार शाम को भारी मात्रा में सरकारी स्कूली किताबों का जखीरा बरामद किया था, जिन्हें छात्रों को बांटने की बजाए रद्दी में बेच दिया गया था. मामले में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका जताए जाने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने आज छग पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक आईएएस राजेंद्र कटारा की अगुवाई में पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया है.

रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने बताया कि रियल बोर्ड पेपर मिल के गोदाम में किताबों की जांच की तो पाया की किताबें इसी सत्र की हैं, और अभी भी पूरी तरीके से अच्छी कंडीशन में है. सत्र शुरू हुए अभी कुछ ही महीना हुआ है, और छात्रों को किताबें मिल नहीं पाई है. किताबों को बांटने के पहले कबाड़ में भेज दिया गया है. इन किताबों को उपयोग में लाया जा सकता है, लेकिन इन्हें रद्दी बताकर बेचा जा चुका है.

पूर्व विधायक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माता सरस्वती का ऐसा अपमान पहले कभी नहीं देखा गया!. ये वही किताबें हैं जो सरकार द्वारा छात्रों को मुफ्त वितरण के लिए खरीदी गई थीं. सरकार ने किताबें खरीदीं, लेकिन उन्हें छात्रों तक पहुंचाने के बजाय कबाड़ में बेच दिया. उन्होंने मामले में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका व्यक्त करते हुए मामले की जांच की मांग करते हुए बताया कि वे घंटे भर तक गोदाम में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे रहे, लेकिन कोई जिम्मेदार सुध लेने के लिए नहीं आया.

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय इस मुद्दे को लेकर बड़े आंदोलन का ऐलान करते हुए कहा कि वह जल्द ही शिक्षा सचिव से मुलाकात करेंगे और इस घोटाले की विस्तृत जांच की मांग करेंगे. इसके साथ ही इस पूरे मामले को पार्टी स्तर से भी सदन में उठाए जाने की बात कहते हुए बच्चों के भविष्य को कबाड़ में डालने वाली सरकार से श्वेत पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की.

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