कैंसरग्रस्त पति से बोली पत्नी- भरण-पोषण की राशि नहीं दे सकते तो किडनी बेच दो
भोपाल
आज के समय में पैसा इंसान से अधिक महत्व रखने लगा है। सात जन्म तक हर मुश्किल में साथ निभाने की वादा एक छोटी-सी उलझन में ही टूट जाए। ऐसा पति-पत्नी के रिश्ते में कम ही देखने को मिलता है, लेकिन ऐसा ही एक उदाहरण कुटुंब न्यायालय में पहुंचे मामले में देखने को मिला। सुनवाई के दौरान पति ने भरण-पोषण देने में असमर्थता जताई तो पत्नी ने उसे किडनी बेचने की सलाह दे डाली। यहां तक कि दो लाख रुपये में किडनी बिकवाने तक की बात कह दी। काउंसलर ने बताया कि दंपती दूसरी बार काउंसिलिंग में आए थे। इस बार उम्मीद थी कि महिला तलाक दे देगी या समझौता कर घर चली जाएगी, लेकिन उसकी बात ने सभी को हैरत में डाल दिया। फिलहाल मामले में सुनवाई के लिए तारीख आगे बढ़ा दी गई है।
काउंसलर ने बताया कि दंपती की शादी को आठ साल हुए हैं। उनका सात साल का बेटा भी है। पति को रीढ़ की हड्डी का कैंसर है और वह खुद के इलाज के लिए पिता के भरोसे है। ऐसे में वह कई माह से पत्नी को भरण-पोषण की राशि नहीं दे पा रहा था। जिसकी उसने शिकायत की थी। काउंसिलिंग के दौरान पति ने कहा कि वह पहले प्राइवेट नौकरी करता था, लेकिन अब उसके पास नौकरी नहीं है। जबकि पत्नी प्राइवेट अस्पताल में काम करती है। करीब चार साल पहले मुझे रीढ़ की हड्डी में कैंसर का पता चला। बीमारी की जानकारी लगते ही पत्नी ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया। अब मैं अपने पिता के साथ रह रहा हूं। ऐसे में खर्च देने में असमर्थ हूं। हालांकि उसने पत्नी को भरण-पोषण के बदले घर देने का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन पत्नी ने इससे इन्कार कर दिया और कहा कि यह घर तो वैसे भी पति को उसके बेटे के नाम करना ही होगा, लेकिन उसे नकद राशि चाहिए।
काउंसिलिंग के दौरान पत्नी ने कहा कि पति तो वैसे भी उसके किसी काम का नहीं। यदि पति मर जाता है तो उसे कुछ नहीं चाहिए। अभी पति आराम से अपने पिता के पैसे पर ऐश कर रहा है और वह दिन-रात काम कर रही है। उसने कहा कि कैंसर मरीज तो जल्दी मर जाते हैं, लेकिन यह चार साल से बस इलाज ही करवा रहा है। खास बात यह रही कि उसने पति को मरने का आसान नुस्खा भी बताया।