केरल और बंगाल में लागू नहीं हो सकेगा CAA? जानें- क्या कहते हैं कानूनी प्रावधान
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके साथ ही अब नागरिकता संशोधन कानून देशभर में लागू हो गया है. नागरिकता संशोधन का बिल दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों से पास हो गया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, ‘मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन नियम, 2024 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता मिल जाएगी.’
लेकिन इसके साथ ही अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है. पश्चिम बंगाल और केरल सरकार ने इसका विरोध किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अभी नियम देखे हैं, नियम देखने के बाद ही कुछ कहा जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर धर्म, जाति या भाषा के आधार पर कोई भेदभाव होता है तो हम इसे मंजूर नहीं करेंगे.
सीएम ममता ने कहा कि अगर सीएए और एनआरसी के जरिए किसी की नागरिकता छीनी जाती है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे. इसका कड़ा विरोध करेंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये बंगाल है, यहां हम सीएए को लागू नहीं होने देंगे. वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि हमारी सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि हम सीएए को यहां लागू नहीं होने देंगे, जो मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है. इस सांप्रदायिक कानून के विरोध में पूरा केरल एकसाथ खड़ा होगा. उन्होंने ये भी कहा कि केरल पहला राज्य था, जिसने सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था. केरल सरकार ने दिसंबर 2019 में ही विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कर इस कानून को रद्द करने की मांग की थी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केरल और बंगाल जैसे राज्यों में सीएए लागू नहीं होगा? इसे जानने से पहले तीन प्वॉइंट में समझते हैं कि सीएए क्या है?
- क्या है सीएए?: नागरिकता संशोधन कानून. 2016 में सबसे पहले लोकसभा में पेश किया गया था. बाद में दिसंबर 2019 में इसे पेश किया गया. उसी साल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया था.
- किन्हें मिलेगी नागरिकता?: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए ऐसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस गए थे. भले ही इनके पास भारत आने के वैध दस्तावेज न हों.
- कैसे मिलेगी नागरिकता?: कानून के तहत, नागरिकता के लिए योग्य आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए सरकार जल्द ही एक वेब पोर्टल लॉन्च करेगी.
यहां लागू नहीं होगा सीएए?
सीएए का नोटिफिकेशन सरकार ने भले ही जारी कर दिया हो, लेकिन अब भी ये पूरे देशभर में लागू नहीं होगा.कानून के मुताबिक असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के उन आदिवासी इलाकों में सीएए के प्रावधान लागू नहीं होंगे, जिन्हें संविधान की छठी अनूसूची के तहत संरक्षित किया गया है. इसके साथ ही इनर लाइन परमिट सिस्टम वाले पूर्वोत्तर के राज्यों में भी ये लागू नहीं होगा. इनर लाइन परमिट और संविधान की छठी अनुसूची पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ इलाकों में जनजातीय समूहों को संरक्षण देने के मकसद से लागू किया गया था.
मणिपुर पहले इनर लाइन परमिट में नहीं आता था, लेकिन बाद में इसे भी इसमें शामिल कर लिया गया. इनर लाइन परमिट एक तरह का यात्रा दस्तावेज होता है, जो एक सीमित अवधि के लिए दूसरे राज्यों के लोगों को यात्रा करने के लिए दिया जाता है.