बिलासपुर : बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर घुनघुट्टी और मुदरिया रेलवे स्टेशन के बीच पहाड़ी ढह कर डाउन लाइन पर इकट्ठा हो गई। इसके चलते डाउन लाइन घंटों बाधित रही। अप लाइन से ट्रेनों को चलाया गया इसकी वजह से ट्रेनें घंटों विलंब से चलीं। दो लोकल मेमू को आधे रास्ते रद्द करके वहीं से वापस भेजा गया।
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से पहाड़ियों का कटकर ढहना शुरू हो गया है। शनिवार को सुबह 5.30 बजे शहडोल से आगे घुनघुट्टी और मुदरिया रेलवे स्टेशन के बीच डाउन रेलवे लाइन के किनारे खड़ी पहाड़ी का हिस्सा ढह गया। पहाड़ी के ढहने से मलबा और पेड़ डाउन लाइन पर जमा हो गए। दो हाइवा जितना मलबा पटरी पर जमा हो गया। इसकी वजह से डाउन लाइन बंद हो गई। अप लाइन चालू थी लेकिन इसकी वजह से ट्रेनों को गुजारने में काफी दिक्कत होने लगी। इसलिए बिलासपुर से कटनी जाने वाली मेमू और चिरमिरी से कटनी जाने वाली मेमू को शहडोल रेलवे स्टेशन में रद्द करके वहीं से वापस भेज दिया गया।
दोनों ही ट्रेनें शहडोल और कटनी के बीच रद्द रहीं। बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर खोंगसरा से लेकर भनवारटंक और खोडरी तक रेलवे लाइन के किनारे ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं। हर साल इतने क्षेत्र में पहाड़ियां से बड़े-बड़े बोल्डर कटकर गिरते हैं। दो साल पहले भनवारटंक के आसपास की पहाड़ियों को लोहे की मजबूत जाल से बांधकर रखा गया है इसकी वजह से खोंगसरा से खोडरी के बीच दो साल में पहाड़ी कटकर नहीं गिरे अलबत्ता पेड़ अवश्य गिरे लेकिन इससे ज्यादा कोई नुकसान नहीं हुआ।
मलबा हटाने में लगे 10 घंटे घुनघुट्टी रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर आगे लैंड स्लाइडिंग की वजह से जितना मलबा रेलवे लाइन पर इकट्ठा हुआ उसे हटाने में 10 घंटे से भी ज्यादा समय लगा। इसके अलावा भूस्खलन की वजह से पहाड़ी की ऊपरी हिस्सा और कमजोर हो गया है उसके भी ढहने के आसार दिखाई दे रहे थे इसलिए एक्सवेटर और पोकलेन मशीन लगाकर पहाड़ी की ऊंचाई तक सफाई करके मलबा हटाया गया ताकि फिर से वह पहाड़ी न ढह जाए। पहाड़ी की सफाई दूर तक की गई है।
अलग-अलग स्टेशनों में खड़ी रहीं ट्रेनें
इंदौर से बिलासपुर आने वाली नर्मदा एक्सप्रेस को आउटर के बाद चंदिया स्टेशन में, बिलासपुर से कटनी जाने वाली लोकल को शहडोल स्टेशन में, निजामुद्दीन से दुर्ग जाने वाली संपर्क क्रांति को शहडोल से पहले और बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस कटनी मुरवारा में घंटों खड़ी रही। दोपहर 1 बजे के बाद लाइन को व्यवस्थित कर ट्रेनों को रवाना किया गया। इसके कारण सुबह से दोपहर को उसलापुर और बिलासपुर आने वाली ट्रेनें रात 8 बजे के बाद पहुंची।