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दोस्ती, अफेयर या दुश्मनी… महालक्ष्मी का मुक्ति रंजन से था कैसा संबंध, कातिल की मां ने खोला राज

बेंगलुरु

कर्नाटक के बेंगलुरु में 23 दिन पहले हुए महालक्ष्मी हत्याकांड में अब एक बड़ा अपडेट सामने आया है. जहां पुलिस को लग रहा था कि उन्होंने मामले को सुलझा लिया है. वहीं, अब नया एंगल सामने आया है. कातिल मुक्ति रंजन रॉय के सुसाइड करने के बाद अब उसकी मां सामने आई है. कातिल की मां ने बताया कि उसका बेटा महालक्ष्मी को बहुत प्यार करती थी. लेकिन महालक्ष्मी उसे ब्लैकमेल कर रही थी. वो उसे किडनैपिंग के झूठे केस में फंसाने की धमकी देती थी. इसी बात से मुक्ति रंजन डिप्रेशन में जाने लगा था. डिप्रेशन के कारण ही मुक्ति ने सुसाइड किया होगा.

अब पुलिस के सामने ये सवाल खड़ो हो गया है कि क्या सच में मुक्ति और महालक्ष्मी के बीच अफेयर था. ये एकतरफा प्यार था या फिर क्या ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ही मुक्ति ने महालक्ष्मी को मार डाला. पुलिस फिलहाल इन सभी सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हुई है. महालक्ष्मी के घर वालों से लेकर कातिल के घर वालों तक, सभी से पूछताछ की जा रही है.

वायलिकावल में 3 सितंबर को मुक्ति रंजन ने सेल्सवूमन महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी. कातिल ने उसके बाद महालक्ष्मी के 59 टुकड़े कर उन्हें फ्रिज में डाला और वहां से भाग गया. फ्लैट कई दिन तक बंद रहा, इस कारण किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि यहां कुछ ऐसा कांड भी हुआ है. बाद में 21 सितंबर को मृतका की मां वहां आई तो इस कांड का खुलासा हुआ कि महालक्ष्मी की हत्या कर दी गई है.

हेमंत-अशरफ पर शक

लेकिन कातिल का कुछ भी पता नहीं था. पुलिस ने जांच शुरू की तो पहले महालक्ष्मी के पति हेमंत पर शक हुआ. उसके बाद अशरफ नामक शख्स पर भी शक की सुई घूमी. लेकिन दोनों का ही इस केस से कोई लेना देना नहीं था. पुलिस को जब इसकी पुष्टि हुई तो जांच का दायरा और बढ़ाया गया. दिन-रात एक करके जांच को बारीकी से किया जाने लगा. पुलिस की ये मेहनत रंग लाई और कातिल का पता लग गया.

कातिल का नाम मुक्ति रंजन रॉय था. वह महालक्ष्मी के साथ ही एक दुकान में काम करता था. पुलिस ने मुक्ति की लोकेशन ट्रेस की. पता चला कि वो तो ओडिशा में है. जैसे ही पुलिस ओडिशा के भद्रक जिले में पहुंची तो 25 सितंबर को एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई. पता चला मुक्ति का शव धुसुरी के कब्रिस्तान में पेड़ से लटका मिला है. पुलिस को उसके पास से सुसाइड नोट भी मिला. उसमें हिंदी, उड़िया और इंग्लिश में कुछ बातें लिखीं थीं.

मुक्ति का सुसाइड नोट

मुक्ति ने सुसाइड नोट में लिखा था- मैंने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी. उस दिन मैं महालक्ष्मी के घर गया था. हमारी किसी बात पर बहस हुई. तब महालक्ष्मी ने मुझपर हमला कर दिया. यह बात मुझे पसंद नहीं आई और गुस्से में मैंने उसे मार डाला. फिर मैंने उसकी लाश के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में डालकर वहां से भाग गया. मैंने कमरा साफ करने की कोशिश भी की थी ताकि लोगों को बदबू न आए. महालक्ष्मी का व्यवहार मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था. मुझे बाद में हत्या का पछतावा जरूर हुआ. क्योंकि गुस्से में मैंने जो कुछ भी किया वो गलत था. मैं डर गया था इसलिए यहां भाग आया.

उसने ये भी लिखा, ‘मैं उसे पसंद करता था, मैं उसे प्यार करता था, लेकिन उसका व्यवहार मेरे लिए ठीक नहीं था. वो मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी देती थी. मैंने उस पर काफी पैसा भी खर्च किया. लेकिन फिर भी वह मेरे साथ ऐसा कर रही थी.’

मुक्ति की मां का बयान

अब इस केस में मुक्ति मां ने कई चौंकाने वाली बातें और बताई हैं. उन्होंने कहा- मुक्ति रंजन और महालक्ष्मी एक दुकान में काम करते थे. यहां दोनों की मुलाकात हुई और वे दोस्त बन गए. दोनों के बीच संबंध थे. महालक्ष्मी मुक्ति रंजन पर शादी करने का दबाव बना रही थी. दोनों की बीच इस मुद्दे पर लगातार बहस होती थी. इस बात से नाराज होकर मुक्तिरंजन ने महालक्ष्मी की हत्या कर डाली और लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. फिर खुद भी सुसाइड कर लिया.”

मुक्ति की मां ने कहा- मुक्ति ने मुझे 24 सितंबर की रात को फोन किया था. वो मेरे सामने फूट-फूटकर रोया और कहा कि मैंने महालक्ष्मी को मार दिया है. हत्या की बात कबूल करने के बाद अगले दिन सुबह 5 बजे उसने सुसाइड कर लिया.

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