CCTV फुटेज के लिए CMO के चेम्बर में धरने पर बैठना पड़ा नगर पालिका अध्यक्ष को

जांजगीर-चांपा। अकलतरा नगर पालिका अध्यक्ष दीप्ती रोहित सारथी ने अकलतरा प्रभारी नगर पालिका अधिकारी संजय सिह से सामान्य सभा मीटिंग का सी सी टी फुटेज लिखित मे सुबह 11.00 बजे मांगा और जब उन्हें सीएमओ संजय सिंह ने नही दिया तो 3.00 बजे महिला नगर अध्यक्ष दीप्ती रोहित सारथी सीएमओ कक्ष में दरी बिछाकर बैठ गयी और घोषणा की कि जब तक मुझे सामान्य सभा बैठक की कार्रवाई का सीसीटीवी फुटेज नहीं दिया जायेगा मैं ऐसे ही यहां बैठे रहूंगी अंततः उन्हें रात 11.30 पर सीसीटीवी फुटेज सीएमओ संजय सिंह द्वारा दिया गया तब वे सीएमओ कक्ष से अपने घर गयी ।
इस मामले में सीएमओ संजय सिंह का कहना है कि दरअसल जिस व्यक्ति द्वारा सीसीटीवी लगाया गया था वो बाहर गया था और नगरपालिका में दो बार बिजली गिरी थी जिसमें कार्यालय की सारी इलेक्ट्रॉनिक चीजें खराब हो गई थी इसलिए हम लोग सीसीटीवी फुटेज के लिए सुमीत अग्रवाल जिसकी कंपनी द्वारा सीसीटीवी फुटेज लगाया गया है उसका इंतजार कर रहे थे और वह बाहर गया था इसलिए हमें फुटेज देने में देरी हुई थी
वहीं महिला नगर पालिका अध्यक्ष दीप्ति सारथी का कहना है कि सीएमओ संजय सिंह द्वारा सीसीटीवी फुटेज देने में साफतौर पर आनाकानी की जा रही थी उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देने के लिए जिस सुमीत अग्रवाल की बात कही वह रात 8.00 बजे तक आ गये थे और मुझे सीसीटीवी फुटेज लगभग 12.00 बजे मिला है जिससे मुझे एक महिला नगर पालिका अध्यक्ष का अपमान महसूस हुआ इसलिए मैंने सीएमओ कक्ष में ही बैठ गई थी ।
उन्होंने यह भी बताया कि जब हम लोग तीन बजे उनके कक्ष में बैठे तो उन्होंने कहा कि आप लोग बैठे रहिए मैं जा रहा हूं । इससे साफ है कि वे सीसीटीवी फुटेज देना ही नहीं चाहते थे । इसके बाद हमने एसडीएम सुमीत बघेल को फोन किया और वे आये और सीएमओ संजय सिंह को सीसीटीवी फुटेज देने कहा।
इस मामले में दोनों पक्षों के बीच काफी बहस हुई । इसके बाद रात 12.00 बजे पर नगरपालिका अधिकारी संजय सिह ने फुटेज दिया तब दीप्ति सारथी ने धरना समाप्त किया । लोगों का कहना है कि सामान्य फुटेज के लिए सीएमओ संजय सिह ने एक जनता की चुनी हुई महिला अध्यक्ष को सुबह से लेकर रात तक अपने कार्यालय मे बैठाकर प्रताड़ित किया है और ऐसा एक महिला जनप्रतिनिधि के साथ नहीं होना चाहिए । ये एक महिला जनप्रतिनिधि के अधिकार , उसकी गरिमा और मर्यादा का अपमान है ।




