छत्तीसगढ़

रिश्वतखोरी का नया रूप : पुलिस अफसर ने फोनपे के माध्यम से लिए पैसे, चालान सिर्फ 500 का और वसूल लिए 5 हजार रुपए

पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में यातायात पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार रिश्वतखोरी का तरीका और भी चौंकाने वाला है। नकद नहीं, बल्कि फोनपे के जरिए रिश्वत वसूली का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए बिलासपुर आईजी और जिले के नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

पेंड्रा के घाघरा गांव के ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई है कि, 6 मई 2025 की शाम करीब 5 बजे दीपक कंवर नामक युवक अपनी चारपहिया वाहन (छोटा हाथी) में कुछ महिलाओं को लेकर शादी समारोह के लिए नेवसा नवापारा जा रहे थे। तभी मेनरोड कुर्रीपारा-सारबहरा के पास यातायात पुलिस ने उन्हें रोक लिया।

पुलिसकर्मियों ने ओवरलोडिंग का हवाला देते हुए 10,000 रुपए की रिश्वत की मांग की। डर के मारे दीपक ने 5,000 रुपए अतुल सिंह डहरिया के फोनपे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए, जैसा पुलिस ने निर्देश दिया था। लेकिन इसके बदले में सिर्फ 500 रुपए का चालान थमाया गया, जो नियम और नैतिकता दोनों की धज्जियां उड़ाता है।

ग्रामीणों का आरोप और मांग
शिकायतकर्ता ओम प्रकाश ने इस घटना की सूचना देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि, यह पहला मामला नहीं है। फोनपे के जरिए अवैध वसूली का यह सिलसिला पहले भी देखा गया है, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया। अब जब जिले में नए पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति हुई है, ग्रामीणों को उम्मीद है कि, दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी और विभाग की साख को बचाया जाएगा। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस प्रशासन इस बार सख्त कदम उठाता है या फिर यह मामला भी फाइलों के ढेर में कहीं खो जाएगा।

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