जांजगीर चांपा

मां से लें अष्ट शक्तियों व अष्ट अलंकारों का वरदान: ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी

बलौदा के बुधवारी चौक में चैतन्य झांकी सजाई गई

  • सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति का आयोजन
  • आध्यात्मिक व्याख्यान के लिए ब्रह्माकुमारीज़ को किया आमंत्रित
  • दीदी ने नवरात्रि और दशहरा के आध्यात्मिक रहस्यों पर डाला प्रकाश
  • साथ ही नशा मुक्ति व नैतिकता का भी पढ़ाया पाठ

बलौदा

नवरात्रि के समापन अवसर पर सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति बुधवारी द्वारा चैतन्य देवियों की झांकी व आध्यात्मिक व्याख्यान के लिए ब्रह्मा कुमारीज़ को आमंत्रित किया गया। 3 देवियों की झांकी का आयोजन किया गया जिसमें मां दुर्गा के रूप में प्रीति बहन मां लक्ष्मी के रूप में नीता बहन व मां सरस्वती के रूप में कविता बहन लगातार एक घंटे स्थिर व वरदानी मुद्रा में विराजित रहीं। अवसर पर ब्रह्मा कुमारी मंजू जी दीदीजी ने मां के अष्ट अलंकारों का रहस्य बताते हुए कहा कि तलवार पवित्रता की शक्ति का प्रतीक है जिससे विकारों रूपी असुरों को हम काट सकें, स्वयं के दर्शन के लिए है स्वदर्शन चक्र ताकि हम अपनी कमजोरी को देख कर उसे दूर कर सकें। तीरकमान मनुष्य जीवन का लक्ष्य बताता है हमें देवी गुण धारण करने हैं।

घर विदेश में रहते हुए जीवन को न्यारा व प्यारा बनाने के लिए कमल फूल समान पवित्र जीवन हो। शारीरिक, मानसिक व आर्थिक तीन शूलों को नष्ट करने के लिए आध्यात्मिकता की शक्ति स्मृति दिलाता है त्रिशूल। मां का वरदानी हाथ सदा सभी को प्यार, सम्मान, दुआएं व शुभभावना देने की भावना देना सिखाता है। अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करने के लिए ज्ञान की गदा व ज्ञान का शंख- ये आठ अलंकार की सौगात सभी श्रद्धालुजन माता रानी से जरूर प्राप्त करें।

साथ ही दीदी जी ने उपस्थित सभी बहनों भाइयों व माताओं को चारित्रिक व नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए कहा स्त्री को यदि कहा जाता है के पतिव्रता बने तो तो पुरुष को भी पत्नीव्रता होना चाहिए। और स्त्री भी अपनी शक्ति व स्नेही रूप का बैलेंस रखें आप सभी अपने बड़ों का सम्मान करें, अपनी सहनशक्ति को बढ़ाएं।दीदी ने कहा कि युद्ध के मैदान में पुरुष जाता है लेकिन शक्ति मांगता है मा दुर्गा से मां काली से, धन कमाने भी पुरुष जाता है लेकिन धन मांगता है मां लक्ष्मी से, विद्या के क्षेत्र में भी पुरुष वर्ग है लेकिन विद्या की देवी कहते हैं मां सरस्वती को इसलिए सभी बहनों माताओं को अपनी सोई हुई शक्तियों को जागृत करना होगा। स्वयं भगवान शिव जी इस धरा पर अवतरित होकर माताओं बहनों का मान बढ़ा रहे हैं।

दीदी ने नशा मुक्ति की कहानी सुना कर नशे से होने वाले नुकसान से अवगत कराया और कहा कि नशे से धन भी व्यर्थ जाता है, संबंध भी बिगड़ते हैं और स्वास्थ्य भी खराब होता है। सबसे अच्छा नशा है आध्यात्मिकता का नशा, इससे फायदा ही फायदा है।कार्यक्रम का संचालन रामकृपाल साहू जी ने कुशलता पूर्वक किया। अंत में पप्पू देवांगन वाह सार्वजनिक दुर्गा उत्सव समिति के सभी सदस्यों ने दीदी जी वह सभी बहनों को सम्मानित किया उनसे आशीर्वाद ली और आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माताएं, बहने, भाई, बुजुर्ग व बच्चे उपस्थित रहे व प्रेरित हुए…

बलौदा में राजयोग मेडिटेशन का शिविर आज से प्रारंभ
चारित्रिक उत्थान व व्यसन मुक्त जीवन के लिए दीदी ने बस स्टैंड के निकट स्थित सेवा केंद्र में आज से प्रारंभ हो रहे निशुल्क सात दिवसीय राजयोग शिविर के लिए सभी को आमंत्रित किया।

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