मणिपुर में शहीद हुआ छत्तीसगढ़ के वीर सपूत का परिवार: उग्रवादी हमले में कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी, पत्नी और 6 साल के बेटे की मौत
रायगढ़
मणिपुर में उग्रवादी हमले में छत्तीसगढ़ में रायगढ़ निवासी सुभाष त्रिपाठी के बेटे 41 वर्षीय कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी शहीद हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला और 6 साल के बेटे अवीर त्रिपाठी की भी मौत हो गई है। घात लगाए उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट कर उनकी गाड़ी को उड़ा दिया। मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ में सुभाष त्रिपाठी के परिवार को सुबह बेटे के शहीद होने की खबर मिली। सुभाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी 6 दिन पहले ही रविवार को रायगढ़ लौटे हैं। वह पिछले साढ़े तीन महीने से अपने बड़े बेटे विप्लव के ही पास थे। पूरे परिवार ने साथ में दिवाली मनाई, घूमे और बेटे के जल्दी आने के वादे को लेकर लौटे थे। कमांडेंड विप्लव की करीब डेढ़ साल पहले ही मणिपुर में पोस्टिंग हुई थी। उससे पहले वह मेरठ कैंट में थे। पोस्टिंग के बाद करीब साल भर पहले घर आए थे। रिटायरमेंट के बाद भी रायगढ़ में रहने का वादा किया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद से विप्लव के पिता सुभाष त्रिपाठी और उनकी पत्नी खामोश हैं। उनकी आंखों में आंसू नहीं हैं। पूरा शहर उनके घर के बाहर उमड़ पड़ा है। शहादत का पता चलते ही घर में मिलने वालों का तांता लगा है। लोगों की भीड़ देख बहुत मुश्किल से दोनों बाहर आए। इसके बाद से सुभाष त्रिपाठी चुपचाप बैठे हुए हैं। उनकी पत्नी जरूर बीच-बीच में आए हुए लोगों से बैठने का आग्रह कर देती हैं। कमांडेंट विप्लव त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी असम राइफल्स में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। वह जल्द ही ट्रेनिंग के लिए महू जाने वाला थे। इससे पहले परिवार के साथ खुशियां मना रहे थे। सब साथ बैठकर नाश्ता कर रहे थे, तभी उनको सेना की ओर से शहादत की सूचना मिली। उन्होंने इसकी जानकारी को कन्फर्म किया और फिर वे अपने बड़े भाई, भाभी और भतीजे का शव लेने के लिए मणिपुर रवाना हो गए हैं। रीवा सैनिक स्कूल से की पढ़ाई कमांडेंट विप्लव का जन्म 1980 में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई रायगढ़ में ही हुई। इसके बाद उनको पढ़ने के लिए मध्यप्रदेश के रीवां सैनिक स्कूल भेज दिया गया। कमांडेंट विप्लव ने साल 2001 में सेना जॉइन की थी। इसके बाद डिफेंस स्टडी में एमएससी किया। जिसके बाद उन्हें प्रमोशन दिया गया और उनकी तैनाती असम राइफल्स में की गई।