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ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने की ऐसी मांग, तुरंत मान मान गए CJI चंद्रचूड़, कहा- हम अब…

नई दिल्ली

ज्ञानवापी मामले पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई. ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमे हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की पांच याचिकाओं को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया, जिसमें कहा गया था कि मंदिर के जीर्णोद्धार संबंधी वाद सुनवाई योग्य है. जब सुनवाई हो रही थी, तभी मुस्लिम पक्ष ने एक ऐसी मांग कर दी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति जता दी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर इन याचिकाओ में ज्ञानवापी मस्जिद की जगह मन्दिर की बहाली की मांग के मुकदमे को सुनवाई लायक मानने (ऑर्डर 7 रूल 11) के निचली अदालत के फैसले के साथ साथ ASI सर्वे की इजाजत को भी चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जब सुनवाई चल रही थी, तभी मुस्लिम पक्ष की तरफ से हुजैफा ने कहा कि ये पुराना वाला मामला है. बाकी याचिकाऐं लिस्ट नहीं हुई हैं. इसलिए उन्हे भी एकसाथ सुना जाए. इसके बाद हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने की मांग की.

इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष की मांग से सहमति जताई और कहा कि हम मूल विवाद की मेंटेनिबिलिटी के सभी याचिकाओं को एकसाथ ही सुनेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी. बता दें कि चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.

बता दें कि ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट की यह सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर हुई. इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से शीर्ष अदालत में एक कैविएट याचिका भी दाखिल कर दी गई है, जिसमें कहा गया था कि अगर मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आता है तो उसका पक्ष भी सुना जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा जारी रखने का आदेश दिया था.

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