छत्तीसगढ़रायपुर

फिर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे बर्खास्त B.Ed शिक्षक : कहा- परिवार चलाना मुश्किल

रायपुर। बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बर्खास्त सहायक शिक्षक नवा रायपुर के ग्राम तूता में बुधवार से फिर धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने मंत्रालय का भी घेराव किया। मंत्रालय का घेराव करने पहुंचे सहायक शिक्षकों कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। सहायक शिक्षकों का कहना है कि उन लोगों ने शिक्षा सचिव से भी बात की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शिक्षा सचिव उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों ने फिर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती हम प्रदर्शन जारी रखेंगे। बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षक सौरव साहू ने बताया कि हमें नौकरी पर वापस रखने की सरकार की नियत ही नहीं दिख रही है। सरकार सिर्फ हमें थका रही है, हम सरकार को बताना चाहते हैं कि हम थकने वाले नहीं हैं। जब तक हमारा समायोजन नहीं होता तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे। हमारी मांगों के लिए कमेटी बनाई गई है, लेकिन हमें कमेटी नहीं बल्कि कमिटमेंट चाहिए। हमें रोजगार के बदले रोजगार चाहिए। हमें शिक्षक के बदले शिक्षक बनाया जाए।

बर्खास्त सहायक शिक्षक शारदा पटेल ने कहा कि आज मंत्रालय में शिक्षा सचिव से मिलने गए थे और उन्हें बताया कि हम तूता में धरना देने के लिए बैठ गए हैं। शारदा ने कहा कि जैसे ही हमने उनको यह जानकारी दी वो अंजान बनकर कहने लगे कि उनको पता ही नहीं चला। उसके बाद शिक्षा सचिव ने उनसे पूछा कि आप लोगों की कितनी संख्या है। जबकि वो जान रहे हैं कि 2897 बीएड डिग्रीधरी सहायक शिक्षक हैं जो सड़क पर आ चुके हैं। उसके बाद आप यह जानना चाह रहे हैं कि तूता धरना स्थल पर कितने सहायक शिक्षक धरना दे रहे हैं। इसका मतलब तो यही हुआ कि आप तभी काम करेंगे, जब हम 3000 सहायक शिक्षकों को लेकर तूता धरना स्थल पर पहुंचे, या फिर मरीन ड्राइव पर सड़क पर ही बैठ जाएं। पूर्व सहायक शिक्षक शारदा पटेल ने कहा कि हमारी मांगों का निर्णय लेने के लिए कमेटी गठित की गई है जो डेढ़ महीने में निर्णय लेने वाली थी। आज डेढ़ महीने का समय बीत गया है, अब तक कमेटी ने कोई निर्णय नहीं लिया। इस वजह से हमें दोबारा सड़क पर उतरना पड़ा है।

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