भूपेश बघेल को संपत्ति कर का नोटिस, पूर्व सीएम बोले- “चुका दूंगा राशि, कुनकुरी सदन का टैक्स भरने तैयार रहे सीएम”

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में गुरुवार को एक नया विवाद खड़ा हो गया जब नगर निगम रायपुर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संपत्ति कर का नोटिस भेज दिया. इस नोटिस में 7,258 रुपये कर भुगतान की मांग की गई है.
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से पूर्वाग्रहपूर्ण बताते हुए कहा कि शासकीय आवास पर संपत्ति कर लागू नहीं होता और भूपेश बघेल लगभग पौने दो साल पहले ही पाटन सदन खाली कर चुके हैं. ऐसे में यह नोटिस गैरकानूनी है और सरकार की मंशा पर सवाल उठाता है. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से बदनाम करने के लिए नगर निगम को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है. उनका कहना है कि जब व्यक्ति आवास छोड़ चुका है तो उस पर कर का नोटिस भेजना भाजपा सरकार की दुराग्रह की राजनीति को उजागर करता है.
इस पूरे मामले पर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तंज कसते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा “मैं माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी को 7,258 रुपये अदा करने का वचन देता हूँ. वैसे तो शासकीय आवास में संपत्ति कर नहीं लगता, फिर भी जिस पाटन सदन को मैंने पौने दो साल पहले खाली कर दिया था, उसका नोटिस भेजा गया है. भले ही यह नोटिस अवैध है, लेकिन फिर भी मैं मुख्यमंत्री जी की इच्छा पूरी करुंगा. अच्छा है कि वे भी तैयार रहें क्योंकि उनकी सरकार कुनकुरी सदन का भी टैक्स मांगेगी.” बघेल की यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
इस मामले को लेकर पूर्व महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि शासकीय संपत्ति पर टैक्स नहीं लगता है. जिस पाटन सदन की बात कर रहे हैं, वह भूपेश बघेल को उस समय एलॉट हुआ था तब वह मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद पाटन सदन खाली कर दिया गया है. नगर निगम की इस कार्रवाई पर आपत्ति है.
वहीं नगर निगम सभापति सूर्यकांत राठौर का भी कहना है कि शासकीय भवन पर संपत्ति कर नहीं लगता है. इसके पहले कभी शासकीय संपत्ति पर कर नहीं लगा है.




