Chandrayaan-3 के बाद अब इसरो का क्या है इस साल का प्लान, चेयरमैन एस सोमनाथ ने खुद किया खुलासा
श्रीहरिकोटा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी पीएसलवी से सिंगापुर के छह उपग्रहों को सफलतापूर्वक इच्छित कक्षाओं में स्थापित किया। इस मौके पर इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया कि इसरो ने अगले कुछ महीनों में गतिविधियों की एक श्रृंखला तैयार की है। वह इस साल जीएसएलवी लॉन्च सहित कई ‘रोमांचक’ मिशनों को अंजाम देगा।
इसरो द्वारा किए जाने वाले भविष्य के लॉन्च अभियानों पर जानकारी देते हुए चेयरमैन सोमनाथ ने कहा कि हम जल्द ही अगस्त के महीने या सितंबर की शुरुआत में एक और पीएसएलवी मिशन को अंजाम देंगे। उन्होंने कहा कि पीएसएलवी फिर से उड़ान भरने जा रहा है। हमारे पास गगनयान परीक्षण वाहन है, जो वर्तमान में एकीकृत हो रहा है।
गगनयान परियोजना को लेकर क्या है इसरो का प्लान?
इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।
14 जुलाई को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के बाद से यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहले से ही गतिविधियों से भरा हुआ है।
वैज्ञानिक वर्तमान में अंतरिक्ष यान की कक्षा बढ़ाने की प्रक्रिया में शामिल हैं।
अब पृथ्वी की कक्षा छोड़ने के बाद रॉकेट की चंद्रमा की ओर एक अगस्त की योजनाबद्ध यात्रा के लिए मंच तैयार हो गया है।
तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे करने की योजना है।
इसरो द्वारा भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में विस्तार से बताते हुए अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने कहा
हम अपने तीसरे विकासात्मक मिशन में INSAT-3DS को लॉन्च करने के लिए SSLV (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के साथ-साथ GSLV (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) मिशन भी लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। हम इस साल कई गतिविधियों को अंजाम देंगे। एसएसएलवी इसरो द्वारा विकसित छठा प्रक्षेपण यान है। अगस्त 2022 और इस साल फरवरी में इसकी दो विकास उड़ानें हो चुकी हैं।