मंदिरों में गैर-हिंदुओं का प्रवेश ना हो इसलिए लगाए जाएं बोर्ड, मद्रास हाईकोर्ट का आदेश
नई दिल्ली
मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार के हिंदू धर्म और धमार्थ बंदोबस्ती विभाग को सभी हिंदू मंदिरों में एक बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। जिस बोर्ड पर लिखा होगा कि गैर-हिंदुओं को मंदिरों में ‘कोडिमारम’ (ध्वजस्तंभ) क्षेत्र से आगे जाने की अनुमति नहीं है। अदालत ने कहा कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है। उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति एस श्रीमति ने डी. सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है।
याचिका में क्या था?
हाईकोर्ट में यह मामला सेंथिल कुमार की याचिका के बाद आया। कुमार न अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर और उसके उप मंदिरों में केवल हिंदुओं को जाने की अनुमति का निर्देश देने का अनुरोध किया था। उन्होंने मंदिरों के सभी प्रवेश द्वार पर इस संबंध में बोर्ड भी लगवाने का निर्देश का अनुरोध किया था।
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए मंदिरों के प्रवेश द्वार, ध्वजस्तंभ के समीप और मंदिर में प्रमुख स्थानों पर बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जिसमें यह लिखा हो कि ‘गैर-हिंदुओं को मंदिर के भीतर कोडिमारम के आगे जाने की अनुमति नहीं है।’’
कोर्ट ने कहा कि, “यदि कोई गैर-हिंदू किसी मंदिर में जाता है, तो अधिकारियों को उस व्यक्ति से एक शपथ पत्र लेना होगा कि उसे देवता में विश्वास है और वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों और प्रथाओं का पालन करेगा और मंदिर के रीति-रिवाजों का भी पालन करेगा. न्यायमूर्ति एस श्रीमथी ने फैसला सुनाया कि ऐसे उपक्रमों को मंदिर अधिकारियों द्वारा बनाए गए रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।”
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कोर्ट ने कहा है कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने और उसका अभ्यास करने और अपने अभ्यास के तरीके में हस्तक्षेप किए बिना अपने धर्म का प्रचार करने का मौलिक अधिकार है। इसलिए, हिंदुओं को अपने मंदिरों को अपने रीति-रिवाजों, प्रथाओं के अनुसार बनाए रखने का अधिकार है और हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग का कर्तव्य है कि वह मंदिरों को ऐसी अवांछित घटनाओं से बचाए।