छत्तीसगढ़

सक्ती : सलनी खरीदी केन्द्र में भारी अनियमितता, कार्यवाही की जगह लीपापोती के लिए दिया जा रहा समय

सक्ती जिला अंतर्गत जैजैपुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भोथिया का उपकेंद्र सलनी में सब नियमों को परे रखकर खरीदी प्रभारी बनाया गया । खरीदी प्रभारी की जांच में धान की कमी पाई गई लेकिन कार्रवाई करने में नोडल अधिकारी अमृत कुजुर के हाथ कांप रहे हैं और साथ ही इस मामले में तहसीलदार लक्ष्मीकांत कोरी भी कुछ बोलने से बच रहे हैं । मिली जानकारी अनुसार जैजैपुर सहकारी बैंक अंतर्गत आने वाले ग्राम भोथिया का उपकेंद्र सलनी में पिछले साल खरीदी प्रभारी दीवाली चंद्रा पर गड़बड़ी और अनियमितता का गंभीर आरोप लगाया गया था जिसके कारण उन्हें इस वर्ष उपकेंद्र सलनी से बाहर कर दिया गया था। जब खरीदी केन्द्रों में खरीदी करने वालों की सूची आयी तो खरीदी प्रभारी में दीवाली चंद्रा का नाम गायब था लेकिन सलनी उपकेंद्र में आसानी से भ्रष्टाचार और गड़बड़ी करने का मौका जानकार नोडल अधिकारी द्वारा दीवाली चंद्रा को फिर से नियुक्त किया गया । बताया जा रहा है कि सलनी के ही राजकुमार चंद्रा की शिकायत पर पहुंचे तहसीलदार लक्ष्मीकांत कोरी द्वारा निरीक्षण में लगभग 800 से भी ज्यादा क्विंटल धान की कमी पाई गई थी लेकिन अपने सांठगांठ के चलते खरीदी प्रभारी द्वारा जांच प्रतिवेदन ही रुकवा दिया गया। इस बीच खरीदी प्रभारी द्वारा गायब धान की भरपाई करने धान में गिट्टी मिलावट करने का अंदेशा है लेकिन इतनी मात्रा में गिट्टी मिलावट संभव नहीं है इसलिए आसपास के व्यापारियों से खरीदी प्रभारी द्वारा घटिया धान खरीदी की जा रही है। इस मामले में जब शिकायतकर्ता ने कार्यवाही की मांग की तो नोडल अधिकारी हीलाहवाली करते देखे जा रहे हैं अब भी इस मामले में कार्यवाही करने बच रहे हैं जिससे खरीदी प्रभारी अपना मामला निपटा सके और जिससे सरकार को करोड़ों का नुक़सान हो रहा है और यह केवल सलनी की ही नहीं बल्कि जैजैपुर में अनेक केन्द्रों में यही हाल है लेकिन नोडल अधिकारी द्वारा कमीशन खाकर खरीदी प्रभारियों को खुली छूट दी जा रही है जिससे सरकार को करोड़ों का चूना हर वर्ष लग रहा है । यह भी विदित हो कि इस विषय में जब तहसीलदार लक्ष्मीकांत कोरी से बात की गई तो उन्होंने मामला सुनते ही फोन काट दिया जिससे अनुमान है कि इस मामले में कितने उच्च स्तर का भ्रष्टाचार हो रहा है और इसमें अधिकारी बोलने से बच रहे हैं लेकिन अधिकारियों की शुतुरमुर्गी चाल से अधिकारियों पर ही गाज गिरने का अंदेशा है ।

अभी धान का उठाव हो रहा । उसके बाद पता चलेगा कितना धान गायब है । अभी जांच की रिपोर्ट भी नहीं आयी है । जब आयेंगी तो कार्रवाई जरूर होगी।” – अमृत कुजूर नोडल अधिकारी

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