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आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को राहत: हरियाणा पुलिस ने NSA लगाने का फैसला वापस लिया, आईजी ने दी जानकारी

अंबाला

हरियाणा पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन पुलिस ने अब इस फैसले को वापस ले लिया है। अंबाला पुलिस ने कहा था कि रोजाना पुलिस प्रशासन पर पथराव और हंगामा कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

पंजाब की सीमाओं पर आंदोलन करने वाले किसान नेताओं के लिए राहत की बात है। हरियाणा पुलिस की तरफ से किसान नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू करने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। इसकी जानकारी अंबाला रेंज के आईजी सिबास कविराज ने शुक्रवार को दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारियों व उनके नेताओं से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने का अनुरोध करती है।

बता दें कि हरियाणा पुलिस ने वीरवार को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए), 1980 के प्रावधानों के तहत राज्य की सीमा पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से शामिल किसान नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। बताया था कि 13 फरवरी से दिल्ली मार्च के आह्वान के सिलसिले में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए किसान संघों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अंबाला पुलिस ने कहा था कि रोजाना पुलिस प्रशासन पर पथराव और हंगामा कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया है।

आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। प्रशासन ने इस संबंध में आम जनता को पहले ही सूचित/सतर्क कर दिया था कि यदि इस आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो उनकी संपत्ति और बैंक खाते जब्त कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।पुलिस ने कहा था कि इस संबंध में प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों और किसान यूनियनों के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अगर किसी आम आदमी को इस आंदोलन के दौरान संपत्ति का कोई नुकसान हुआ है तो वह प्रशासन को नुकसान का विवरण दे सकता है।

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