आईपीएल में सट्टा लगाने का चल रहा कारोबार,पुलिस विभाग की कार्यवाही शून्य.. सटोरियो के हुए बलेबले..
सक्ती। जिले में सट्टा का एक बहुत बड़ा कारोबार बड़े पैमाने में चल रहा है, वहीं इस पर लगाम लगाने में पुलिस पूरी तरह से विफल नजर आ रही है।
ज्ञात हो कि 31 मार्च से आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट प्रारंभ हो चुका है, वहीं इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा मजे सटोरियों का रहता है, या यूं कहें कि आईपीएल सटोरियों के लिए दीपावली और ईद की तरह खुशियों भरा रहता है। सक्ती में भी सट्टा का एक बड़ा खेल खिलाया जाता है, बता दें कि आईटी रेड के बाद से अब सट्टे के पैटर्न में भी काफी बदलाव आ गया है, पहले छोटे बड़े सभी सटोरिए अपना अपना आईडी बना लेते थे और सट्टे का कारोबार संचालित होता था, वहीं इस बार सटोरिए और भी फूंक कर कदम रख रहें हैं, 10 हजार में एप्प तैयार करा कर इस खेल में अपनी नई इबारत लिख रहें हैं। पूर्व में एक जगह से लाइन दी जाती थी और इस लाइन अंतर्गत सटोरिए जुड़ते थे, मगर इस बार सभी सटोरिए नए तरीके से सट्टा की बिसात बिछाएं हुए हैं। इस बार छोटे बड़े सभी सटोरियों द्वारा अलग अलग एप्प तैयार कराया गया है, और खेलने वालो को भी पूरी तरह से जांच पड़ताल कर एप्प में जोड़ा जा रहा है, वहीं नए बैंक अकाउंट के माध्यम से पैसों का छोटे छोटे टुकड़ों में लेन देन किया जा रहा है, ताकि ट्रांजेक्शन को पकड़ा ना जा सके, इसके लिए प्रत्येक सटोरियों द्वारा 100 से 150 नए बैंक अकाउंट खुलवाए गए हैं और सभी बैंक अकाउंट के हिसाब से अलग अलग एप्प तैयार करा सट्टे के कारोबार को चलाया जा रहा है। वहीं जिला पुलिस द्वारा निरंकुशता का परिचय देते हुए सटोरियों के ऊपर से ध्यान हटा लिया गया है, वर्तमान में नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में 40 से अधिक सटोरियों के एप्प संचालित हो रहें हैं, और सभी सटोरिए अपने पूर्व के स्थान को बदल नई जगहों पर अपना गोरखधंधे का कारोबार चला रहें हैं। पूरे प्रदेश में सिर्फ सक्ती जिला ही है जहां सटोरियों की तादाद सबसे ज्यादा है लेकिन सटोरियों पर कार्रवाई के नाम पर शून्य है, प्रदेश में सभी जगहों पर कार्रवाई बड़े पैमाने पर चल रही है वही सटोरिए इस कार्रवाई से भयभीत भी हैं लेकिन नवीन जिले में सटोरियों को लगातार संरक्षण दिया जा रहा है यही कारण है कि यहां सट्टे का कारोबार लगातार दिन दुगनी और रात चौगनी की कहावत की तरह फल फूल रहा है। साथ ही हर साल आईपीएल के समय सक्ती में 3 से 5 नए युवा सट्टा खाईवाल पैदा हो रहें हैं और फिर करोड़ो कमा जमीन के कालाबाजारी में अपना पैसा लगा सट्टे के काले पैसों को सफेद कर रहें हैं। नगर के युवाओं में सयोरियो के रहन सहन को देख उन जैसा बनने की चाहत बढ़ती जा रही है और नगर के युवा सॉर्ट कट से अमीर बनने की चाहत में इस धंधे को अपना सब कुछ मान रहें हैं।