101 मृतकों की अब तक नहीं हुई पहचान, 55 शव परिजनों को सौंपे गए; हादसे की CBI जांच शुरू
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भुवनेश्वर
बालेश्वर रेल हादसे के चार दिन बाद भी 101 शव ऐसे हैं जिनकी अभी पहचान नहीं हो पाई है। शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुए इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई और करीब 1000 लोग घायल हुए। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि अभी भी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है। पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है। रॉय ने कहा कि दुर्घटना वाले दिन लगभग 1,100 लोग घायल हुए थे। जिनमें लगभग 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में लगभग 200 लोगों का इलाज किया जा रहा है। दुर्घटना में मरने वाले 275 लोगों में से 101 शवों की पहचान बाकी है।
55 शव परिजनों को सौंपे गए
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने एएनआई को बताया, “भुवनेश्वर में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर 1929 पर 200 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। शवों की शिनाख्त कर परिजनों को सौंपी जा रही है।”
कैसे हुआ ये हादसा?
ओडिशा के बालेश्वर में शुक्रवार को बहनागा स्टेशन के पास देर शाम तीन अलग-अलग पटरियों की ट्रेनें आपस में टकरा गईं। कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनगा स्टेशन क्रॉस करने वाली थी, तब गाड़ी अचानक लूप लाइन में चली गई, जहां मालगाड़ी खड़ी थी। इसके बाद इतनी भीषण टक्कर हुई कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। टकराने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां दूसरी मेन लाइन पर गिर गई, जो डाउन लाइन है। उस पर बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ रही थी और ये पटरी पर गिरी बोगी को चीरते हुए निकल गई।