कार्यवाही नही पैसा वापस करा देता हूं…..स्वामी आत्मानंद स्कूल को चाटने लगा दीमक
जांजगीर चांपा
प्रभारी प्राचार्य द्वारा आवेदन फार्म के नाम पर छात्रों से 100- 100 लिए जाने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक रूप से जिले की शिक्षा अधिकारी से भरे बैठक में सामने आने पर संबंधित के उपर कारवाई करने के बदले पैसा वापस करा देता हूं की वाक्या सामने आया है । यह मामला ग्राम डोंगाकोहरौद का है जहां शासन द्वारा शासकीय हाईस्कूल में हिंदी मीडियम की स्वामी आत्मानंद स्कूल स्वीकृति प्रदान की गई है और हाईस्कूल परिसर में भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई । स्वीकृति मिलने के महीनों बाद डीईओ , बीईओ द्वारा एक नया आदेश निकाला गया, जिसमें गांव के हाईस्कूल कैंपस से बाहर पुरानी मिडिल स्कूल व प्राथमिक स्कूल को स्वामी आत्मानंद स्कूल के अधीन करने का आदेश है । दूसरी तरफ स्वामी आत्मानंद स्कूल में आवेदन फार्म के नाम पर 100 रूपए लिए जाने व पुरानी मिडिल व प्राथमिक स्कूल को उसमें शामिल करने का आदेश की बात गांव में फैला , तब ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा से कलेक्टर, डीईओ लिखित व मौखिक में अवगत करा पुरानी स्कूल को यथावत व आवेदन के नाम पर रूपए लेने वाले प्रभारी प्राचार्य के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग रखी गई , तब डीईओ ने गांव में आकर चर्चा करने की बात कही थी ।
चार दिन से समय देते देते आज पहुंचे साहब – 19 जुलाई को ग्रामीण जांजगीर पहुंचे थे , तब 21 को आने की बात डी ई ओ द्वारा कहा गया था किंतु इसी तरह रोज पालकों को समय देने के बाद आज 27 जुलाई को गांव पहुंचे , जहां पालकों ने प्रभारी प्राचार्य द्वारा 100 लेने की बात कहते हुए कारवाई की मांग किया, तब लिए रूपए को वापस डी ई ओ द्वारा कारवाई करने पर शोर शराबा प्रारंभ हो गया और साहब चलते बने ।
राज्य सरकार की आदेश भी नही दिखा पाए साहब – दूसरी तरफ पुरानी मिडिल स्कूल व प्राथमिक स्कूल को स्वामी आत्मानंद स्कूल के अधीन करने पर सवाल उठाते हुए उनसे राज्य सरकार की आदेश काफी की मांग की तब बैठक में मौजूद डी ई ओ व बी ई ओ वह आदेश कापी भी नही दिखा पाए, जिससे पुराने मिडिल व प्राथमिक स्कूल को कुछ निहित लोगों द्वारा लाभ कमाने का उद्देश्य की चर्चा भी उपस्थित जनप्रतिनिधियों , पालकों के बीच गर्म हो गया और बैठक में कोई हल नही निकल सका ।
ज़िले को सुधारने के लिए मुझे सरकार ने भेजा – जनप्रतिनिधियों , पालकों की बैठक को संबोधित करते हुए डी ई साहब ने कहा कि जिले की शिक्षा विभाग को सुधारने के लिए मुझे सरकार ने भेजा है , किंतु पालकों द्वारा रूपए वसूली की शिकायत पर वापस करा देता हूं कहना कुछ हजम सा नही हो रहा है , बहरहाल इस वाक्या ने राज्य सरकार की महती योजना पर जिले में प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है ।