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ज्योतिष

शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, कुछ ही देर बाद सूतक काल, न करें ये गलतियां

नई दिल्ली

साल 2023 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद अब आज यानी 28 अक्तूबर को इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि के ठीक एक दिन पहले यानी 14 अक्तूबर को लगा था। आखिरी सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद आज शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस दिन लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखते हैं। हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण आसमान से अमृत नहीं बरसेगा।
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चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए। इस दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। इस समय कैंची, चाकू जैसी किसी भी धारदार चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान नुकीली चीजों से कोई वस्तु नहीं काटनी चाहिए।

भारत के इन शहरों में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
28/29 अक्तूबर की मध्य रात्रि लगने वाला साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में चंद्र ग्रहण दिल्ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, उदयपुर, उज्जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना समेत कई शहरों में नजर आएगा।

इस राशि में लग रहा चंद्र ग्रहण
28/29 अक्तूबर की मध्य रात्रि को शुरू होने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा। मेष राशि में लगने की वजह से इस राशि के जातकों को ग्रहण के अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण का प्रभाव मेष राशि के लोगों के मन और मस्तिष्क पर पड़ेग।

क्यों लगता है चंद्र ग्रहण ?
सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक ऐसा समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इस घटना को खगोलीय घटना के रूप में चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

चंद्रग्रहण का समय
ग्रहण का स्पर्श रात- 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे

शास्त्रों में ग्रहण के दौरान सोने से भी मनाही है। ऐसा करना अशुभ माना गया है। साथ ही इस दौरान पेड़-पौधों को भी स्पर्श नहीं किया जाता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान न तो पूजा करनी चाहिए और न ही मंदिर का पट खुला रखना चाहिए।

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। मान्यता है कि इससे गर्भ में पर रहे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को नुकीली या धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

ग्रहण के दौरान क्या न करें?
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। ऐसे में इस दौरान न तो भोजन पकाना चाहिए और न ही खाना चाहिए।

वहीं धार्मिक शास्त्र में ग्रहण काल को शुभ नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि इस दौरान प्रकृति में कुछ समय के लिए विचित्र सी शक्ति उत्पन्न होती है जो कि सभी प्राणियों पर प्रभाव डालती है। इसलिए इस समय घर से बाहर निकलना और ग्रहण को देखना अच्छा नहीं माना जाता है।

चंद्र ग्रहण देखना चाहिए या नहीं ?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो सूर्य ग्रहण की घटना को खुली आंखों से देखना उचित नहीं होता है, क्योंकि ये आपकी आंखों को नुकसान पहुंता सकता है। हालांकि चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है।

आप चाहें तो दूसरे दिन खीर बनाकर भगवान को भोग लगा सकते हैं। या फिर आज सूतक काल शुरू होने से पहले खीर बना कर उसमें तुलसी की पत्तियां डाल कर रख दें। चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद आप इस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख कर कुछ देर बाद इसका सेवन कर सकते हैं।

ग्रहण के साथ ही इसके सूतक काल को भी शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ निशेध माना जाता है। ऐसे में 28 अक्तूबर को दोपहर के बाद से ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इस वजह से शरद पूर्णिमा पर बनने वाली खीर भी इस बार मध्य रात्रि में नहीं बनेगी।

शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया
इस बार नौ साल के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही संपन्न कर लिए जाएंगे।

भारत में कहां-कहां दिखाई देगा आखिरी चंद्र ग्रहण ?
जानकारों के अनुसार साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा।

कहां-कहां देखा जा सकेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण?
साल के अंतिम चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।

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