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अफसर पद से इस्तीफा दे बने जस्टिस, अब रिजाइन कर बनेंगे नेता, जानें कलकत्ता हाई कोर्ट जजअभिजीत गंगोपाध्याय कौन

कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय मंगलवार को इस्तीफा दे देंगे। पश्चिम बंगाल में शिक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर जस्टिस गंगोपाध्याय के फैसलों ने राजनीतिक बहस छेड़ दी। गंगोपाध्याय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या उनका राजनीति में प्रवेश करने का इरादा है?

कलकत्ता हाई कोर्ट न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। जस्टिस गंगोपाध्याय राज्य में स्कूल भर्ती घोटाले जैसे संवेदनशील मामलों की सुनवाई से जुड़े थे। वह मंगलवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज देंगे। न्यायमूर्ति ने बताया कि उन्होंने गतिविधियों के बड़े परिदृश्य में कदम रखने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा, ‘अगर मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल होता हूं और वे मुझे नामांकित करते हैं, तो मैं निश्चित रूप से उस फैसले पर विचार करूंगा।’

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय अगस्त 2024 में न्यायिक सेवाओं से सेवानिवृत्त होने वाले थे। वह वर्तमान में श्रम मामलों और औद्योगिक संबंधों से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। अपने फैसले की घोषणा करते हुए उन्होंने कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘राज्य बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। यहां चोरी और लूट का राज चल रहा है। एक बंगाली होने के नाते मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। मुझे नहीं लगता कि राज्य के वर्तमान शासक लोगों के लिए कोई अच्छा काम कर सकते हैं।’

​बीजेपी दे सकती है टिकट​

सूत्र ने कहा कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय गुरुवार तक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और अंतिम समय में किसी भी बदलाव को छोड़कर तामलुक सीट के लिए बीजेपी उन्हें लोकसभा टिकट दे सकती है। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के वर्तमान कार्यकाल के दौरान उनके कई आदेश बंगाल सरकार के खिलाफ गए हैं।

​MBBS केस मामले में हुए चर्चित​

हाल के एक मामले में, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के कथित उपयोग की सीबीआई जांच की अनुमति देने के बाद न्यायाधीश एक खंडपीठ के निशाने पर थे। कलकत्ता हाई कोर्ट में चल रही इस उथल-पुथल को संभालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दखल किया। पांच सदस्यीय पीठ का गठन किया गया है, जो विवाद देख रही है।

​पिता थे फेमस वकील​

अभिजीत गंगोपाध्याय का जन्म 1962 में कोलकाता में हुआ था। गंगोपाध्याय ने कोलकाता में एक बंगाली-माध्यम स्कूल मित्र संस्थान में पढ़ाई की। गंगोपाध्याय के पिता बंगाल के फेमस वकील थे। गंगोपाध्याय ने हाजरा लॉ कॉलेज से पढ़ाई की। कॉलेज में पढ़ते समय उनकी रुचि थिएटर में हुई और वह बंगाली रंगमंच से जुड़ गए। वह अमित्रा चंदा के सदस्य बने और कई नाटकों में अभिनय किया। उन्होंने आखिरी बार 1986 में एक प्ले किया था।

​अधिकारी से बने जस्टिस​

अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने करियर की शुरुआत पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) में ए-ग्रेड अफसर के रूप में की। वह उत्तरी दिनाजपुर में तैनात थे, लेकिन कुछ दिनों बाद ही नौकरी छोड़ दी। वह कलकत्ता हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। वह 2 मई, 2018 को एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उच्च न्यायालय में शामिल हुए और 30 जुलाई, 2020 को एक स्थायी न्यायाधीश बने।

​वकीलों से हुआ विवाद​

अगस्त 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय और हाई कोर्ट के वकीलों के एक वर्ग के बीच बहस हुई। यह बहस इतनी बढ़ी कि मामला हाथापाई तक पहुंच गया। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने अदालत रूम में पत्रकारों को सुनवाई रेकॉर्ड करने की अनुमति दी। कोर्ट रूम से जस्टिस गंगोपाध्याय ने एक वकील को अरेस्ट भी करवाया, जिसके बाद की दिनों तक उनके और वकीलों के एक वर्ग के बीच खींचतान चली।

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