संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर दिल्ली में लगी मुहर! देशभर के सभी कर्मचारी होंगे पर्मानेंट, आचार संहिता के बीच बड़ा ऐलान
नई दिल्ली
संविदा और अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा देश भर में गरमा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले अनियमित कर्मचारियों की मुहिम और तेज हो गई है। वहीं, कुछ राज्यों ने संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर मुहर भी लगा दी है। लेकिन इस बीच कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए संविदा कर्मचारियों पर बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि देशभर के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव के लिए आज कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जारी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने युवाओं और संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। कांग्रेस ने संविदा भर्ती को बंद कर नियमित भर्ती करने और सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लिखा है कि ”कांग्रेस सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में संविदा भरतीयों की जगह नियमित भर्तियां करेगी और अभी जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण करेगी।”
ये है कांग्रेस की गारंटी
- कांग्रेस राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक जाति जनगणना करवाएगी। इसके माध्यम से कांग्रेस जातियों, उपजातियों और उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति का पता लगाएगी। जनगणना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस उनकी स्थिति में सुधार के लिए सकारात्मक कदम उठाएगी।
- कांग्रेस पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण पर 50% का कैप हटाएगी।
- कांग्रेस शिक्षा एवं नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को मिलने वाले 10% आरक्षण को बिना किसी भेदभाव के सभी जाति और समुदाय के लोगों के लिए लागू कराएगी।
- कांग्रेस अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को 1 साल के भीतर भरेगी।
- कांग्रेस सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में संविदा भरतीयों की जगह नियमित भर्तियाँ करेगी। और अभी जो संविदा कर्मी हैं उनका नियमतीकरण करेगी।
- कांग्रेस घर बनाने के लिए और व्यवसाय शुरू करने के लिए अनुसुचित जाति और अनुसुचित जनजाति समुदाय के लोगों को मिलने वाले लोन की सीमा को बढ़ाएगी।
- कांग्रेस भूमिहीनों को ज़मीन वितरित करेगी।
- कांग्रेस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से आने वाले ठेकेदारों को सार्वजनिक कार्यों के अनुबंध अधिक मिले, इसके लिए सार्वजनिक खरीद नीति का दायरा बढ़ाएगी।
- कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग समुदाय के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को दोगुना करेगी, विशेष रूप से उच्च शिक्षा के लिए। कांग्रेस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों को विदेशों में पढ़ने में मदद करेगी; पीएचडी छात्रवृत्ति की संख्या दोगुनी की जाएगी।
- कांग्रेस गरीब छात्रों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के छात्रों के लिए आवासीय विद्यालयों का हर ब्लॉक तक विस्तार करेगी।
- कांग्रेस सामाजिक न्याय का संदेश फैलाने के लिए समाज सुधारकों की जीवनी और उनके कार्यों को विद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करेगी।
- कांग्रेस पढ़ाई और चर्चा-परिचर्चा को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में अंबेडकर भवन-सह-पुस्तकालय स्थापित करेगी।
- कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 (5) के संदर्भ में एक कानून बनाएगी।
- कांग्रेस वार्षिक बजट के अंतर्गत अनुसूचित जाति उपयोजना और जनजातीय उपयोजना के लिए संसाधनों के आवंटन को अधिकृत करने और योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक कानून पारित करेगी।
- कांग्रेस मैला उठाने की कुप्रथा को ख़त्म करेगी। सभी मैला उठाने वालों को किसी दूसरे कार्य के लिए कुशल बनाया जाएगा और उन्हें नौकरी प्रदान की जाएगी। उनके लिए सम्मानित एवं सुरक्षित जीवन सुनिश्चित किया जाएगा। ‘हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों’ के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013′ को सख्ती से लागू किया जाएगा और हाथ से मैला उठाने के काम पर रखने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। साथ ही मैला उठाने के काम के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सफाई कर्मचारियों के परिवारों को 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। कांग्रेस सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाली मशीनों को खरीदने के लिए पर्याप्त संसाधन आवंटित करेगी, जिससे मानव अपशिष्टों को हटाया जा सके। सभी सफाई कर्मचारियों के लिए मुफ्त बीमा सुनिश्चित किया जाएगा।
- कांग्रेस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 को सख्ती के साथ लागू करेगी। प्रत्येक राज्य की राजधानी में एक हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी। ऐसे अत्याचारों के पीड़ितों को कानूनी सहायता उपलब्ध की जाएगी।
- कांग्रेस सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उन सभी बसाहटों को ‘अनुसूचित क्षेत्र’ के रूप में अधिसूचित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां अनुसूचित जनजाति के लोग बहुसंख्यक हैं लेकिन वर्तमान समय में वे अधिसूचित क्षेत्र से बाहर हैं।
- कांग्रेस वन अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करेगी। इसके लिए विशेष बजट, योजना और विभाग की स्थापना की जाएगी।
- कांग्रेस 1 वर्ष के भीतर सभी लंबित वन अधिकार दावों का निपटान सुनिश्चित करेगी और 6 महीने के भीतर सभी अस्वीकृत दावों की समीक्षा के लिए एक प्रक्रिया बनाएगी।
- कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ‘ग्राम सरकार’ और ‘स्वायत्त जिला सरकार’ की स्थापना के लिए राज्य पेसा अधिनियम के अनुरूप कानून बनाएं।
- कांग्रेस शैक्षणिक संस्थानों में वंचित समुदायों के छात्रों के साथ होने वाले भेद-भाव को रोकने के लिए रोहित वेमुला अधिनियम लागू करेगी।
- कांग्रेस रेनके आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करेगी और विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी।
- कांग्रेस एक विविधता आयोग की स्थापना करेगी जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोज़गार और शिक्षा के संबंध में विविधता की स्थिति का आंकलन करेगी और बढ़ावा देगी।