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आई ड्रॉप से लेकर वटी तक, बाबा रामदेव के 14 प्रोडक्ट पर लगा बैन, लाइसेंस सस्पेंड

सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर होता दिख रहा है। उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को दी गई। यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

नई दिल्ली

बाबा रामदेव के दर्जन भर से ज्यादा प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लग गया है। यह प्रतिबंध पतंजलि की दिव्य फार्मेसी से जुड़े भ्रामक विज्ञापन के सिलसिले में लगा है। यह जानकारी उत्तराखंड के लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक एफिडेविट में दी है। अथॉरिटी के मुताबिक पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

बाबा रामदेव के किन प्रोडक्ट्स पर हुआ है ऐसा
दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लगा है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट,मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी खिंचाई

बीते 23 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने समाचार पत्रों में अपनी माफी को “प्रमुखता से” प्रदर्शित नहीं करने के लिए पतंजलि की खिंचाई की थी। अदालत ने पूछा था कि क्या पतंजलि द्वारा अखबारों में दी गई माफी का आकार उसके उत्पादों के लिए पूरे पेज के विज्ञापन के समान था। पतंजलि ने कहा था कि उसने 67 अखबारों में माफीनामा प्रकाशित किया है और कहा है कि वह अदालत का पूरा सम्मान करता है और अपनी गलतियों को नहीं दोहराया जाएगा।

बड़ा माफीनामा छपवाया गया था

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक और माफीनामा प्रकाशित कराया, जो पिछले माफीनामे से भी बड़ा था। इससे पहले, रामदेव और बालकृष्ण ने महामारी के दौरान कोरोनिल जैसे अपने उत्पादों की दक्षता के बारे में उच्च दावे करते हुए फर्म द्वारा जारी विज्ञापनों पर शीर्ष अदालत के समक्ष “बिना शर्त और अयोग्य माफी” मांगी थी।

आईएमए ने दायर की थी याचिका

शीर्ष अदालत ने नवंबर 2023 में इंडियन मेडिकल द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान पतंजलि को अपने उत्पादों के विज्ञापनों को रोकने का निर्देश दिया था, जिसमें उन्होंने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 में निर्दिष्ट बीमारियों और विकारों का इलाज करने का दावा किया था। एसोसिएशन (IMA) ने आधुनिक चिकित्सा की आलोचना करने पर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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