बिलासपुर में एक युवक ने कॉन्स्टेबल को थप्पड़ मार दिया, फिर झूमाझटकी करते हुए मारपीट की। पिटाई का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें युवक कॉन्स्टेबल को थप्पड़ मारने के बाद धक्कामुक्की करता दिख रहा है। विवाद घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने से जुड़ा है।
दरअसल, युवक सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति को अस्पताल लेकर जा रहा था। तभी 112 पर तैनात के आरक्षक ने उसे रोक लिया। पुलिसकर्मी ने दबंगई दिखाते हुए पहले युवक से मारपीट की। घटना रतनपुर थाना क्षेत्र की है।
सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल लेकर जा रहा था युवक। तभी पूरा विवाद हुआ।
मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
घटना 2 दिन पहले की बताई जा रही है। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने मारपीट करने वाले युवक इतवार सिंह पैकरा के खिलाफ शासकीय कर्मचारी से मारपीट और सरकारी काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया है। दबंगई दिखाने वाले आरक्षक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
घायल युवक को ले जा रहा था अस्पताल
दरअसल, रतनपुर क्षेत्र के चपोरा के पास दो दिन पहले एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें बाइक सवार एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। इतवार सिंह पैकरा मानवता दिखाते हुए घायल को अस्पताल जा रहा था। इससे पहले स्थानीय लोगों ने इस हादसे की जानकारी डायल 112 को दी थी, लेकिन पुलिस वहां नहीं पहुंची। इसके कारण इतवार सिंह उसे अस्पताल लेकर जाने के लिए निकला था।
कॉन्स्टेबल ने रोककर दबंगई दिखाई और थप्पड़ जड़ा
इस दौरान डायल 112 में पदस्थ आरक्षक महेंद्र राजवाड़े मौके पर पहुंचा। इसके बाद उसने इतवार सिंह पैकरा को अस्पताल जाने से रोक लिया। इतवार सिंह घायल को जल्द अस्पताल पहुंचाने की बात कहने लगा। इस पर आरक्षक महेंद्र राजवाड़े दबंगई दिखाने लगा।उसके इस बर्ताव से तंग इतवार ने तैश में आकर उसे थप्पड़ जड़ दिया। जिसके बाद दोनों के बीच झूमाझटकी होने लगी।
आरक्षक के दबंगई दिखाने पर शुरू हुआ था विवाद।
पुलिस ने युवक के खिलाफ दर्ज की FIR
इस दौरान वहां मौजूद युवक ने आरक्षक और युवक के बीच हुई मारपीट का वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल होने पर आरक्षक ने घटना की शिकायत रतनपुर थाने में कर दी। जिस पर पुलिस ने जांच के बिना ही आरक्षक की पिटाई करने वाले युवक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
खास बात यह है कि पुलिस ने सिटिजन पोर्टल में ऑनलाइन FIR दर्ज की है, लेकिन उसमें घटना का डिटेल ही नहीं है। न तो प्रार्थी का नाम है और न ही आरोपी का जिक्र है। हालांकि, पुलिस ने इसे तकनीकी त्रुटि बताया है।