छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नई शिक्षा नीति के तहत नया कानून राज्य में लागू कर दिया है. इसके तहत अब साल में दो बार मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. नई व्यवस्था के बाद सबसे ज्यादा फायदा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा में फेल हो चुके छात्रों को मिलेगा. उन्हें पास होने के लिए दूसरे वर्ष का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मौजूदा शैक्षणिक सत्र में ही वह परीक्षा में शामिल होंगे और उन्हें पास होने का अवसर मिलेगा.
जुलाई में होने जा रही है परीक्षा: नई व्यवस्था के बाद भी बोर्ड की पहली परीक्षा मार्च महीने में पूर्व की व्यवस्था की तरह होगी, जबकि दूसरी बार परीक्षाओं का आयोजन जून–जुलाई माह में किया जाएगा.मौजूदा सत्र के लिए परीक्षाओं का टाइम टेबल भी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने घोषित कर दिया है. 12वीं की परीक्षा 23 जुलाई से तो 10वीं की परीक्षाएं 24 जुलाई से प्रारंभ हो रही हैं. इसके लिए जिला स्तर पर तैयारी कर ली गई है. कोरबा में इसके लिए 9 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. जहां 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले छात्र शामिल होंगे.
साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला बोर्ड: नई शिक्षा नीति के लागू होते ही छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने साल में दो बार परीक्षा लेने की नीति राज्य में लागू कर दी है. इसी सत्र से परीक्षाओं का आयोजन होने जा रहा है. इसके बाद छत्तीसगढ़ देश में ऐसा पहला बोर्ड होगा, जो साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन करेगा. इस योजना का लाभ प्रदेश भर के हजारों की तादाद में छात्रों को मिलेगा, जिनके पास मौजूदा सत्र में ही परीक्षा पास कर आगे की कक्षा में प्रवेश लेने का विकल्प खुला होगा. दूसरी बार की परीक्षाओं में वही छात्र शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने मार्च में बोर्ड की परीक्षा दी है और वह माध्यमिक शिक्षा मंडल में रजिस्टर्ड हैं.