मवेशी सड़कों पर तो किसान खाद के लिए भटक रहा है: श्रीमती उमा राजेन्द्र राठौर
- डॉ. रमन की कल्याणकारी योजना बंद कर, कांग्रेस सरकार गौठान में व्यस्त
- गौठानों से जुड़े समूहों को नही मिल रहा लाभ, गौठानों में भारी अव्यवस्था का आलग
जांजगीर-चांपा
हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य की कांग्रेस सरकार शुरू से ही हमारे अन्नदाता किसानों के साथ अन्याय कर रही है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों के लिए जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं लागू की थी, आज उन्हें बंद करके गौठान योजना लागू किया है। जो आज पूरी तरह से फेल हो गई है। आज हमारी गौमाता गौठान में नहीं है। बल्कि सड़क मार्ग पर मर रही है। मवेशियों के लिए गौठान के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाये जा रहे हैं लेकिन गौठान में न तो मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था है और न ही पानी और बारिश से बचने छावनी ही बनायी गई है। उक्त बातें जांजगीर-चांपा जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उमा राजेन्द्र राठौर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। जिला पंचायत सदस्य श्रीमती राठौर ने आगे कहा कि गौठान से महिला स्व सहायता समूहों के महिलाओं को जोड़कर जैविक खाद तैयार करने और दस रुपये किलो में खरीदी करने वाले भूपेश बघेल की सरकार अब तीन रुपये सत्ताईस पैसे में खरीद कर महिलाओं के साथ अन्याय कर रही है। जिले में आधे से अधिक गौठान में महिला समूह की महिलाओं को गौठान में जैविक खाद बनाते 12 महीने बीत गया। लेकिन 12 रुपये भी नहीं मिला है। आज गौठानो में केचुआ खरीदी को लेकरजनपद सीईओ के द्वारा करोङों रुपये खर्च किया गया है। जहाँ पानी की ब्यवस्था नही होने से केचुआं भी मर गई और जैविक खाद बनाने का काम भी बंद हो गई है। वहीं गौठान चारागाह के सुरक्षा के लिए कोई प्लान सरकार के पास नही है। जिससे आये दिन चोरी हो रही है। किसानों के फसल को मवेशी नुकसान पहुंचा रही है। महिलाओं को रोजगार से जोडऩे किसानों की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का वादा करने वाले कांग्रेस सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है। सप्ताह भर पहले जिले के सोसायटी में यूरिया खाद खत्म हो गई। जिससे किसानों को निजी दुकानों से अधिक कीमतों पर यूरिया खाद खरीदना पड़ा। चूंकि यह समय खेती किसानी का है। हमारे किसान सोसायटी में यूरिया खाद का इंतजार नहीं कर सकते। यूरिया के नाम पर निजी दुकानों को लाभ पहुंचाने का सीधा सीधा फंडा राज्य सरकार की है। जबकि हमारे केंद्र सरकार ने हमारे किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद की सप्लाई किया है। वहीं किसानों को नकली कीटनाशक दवा बेचने वाले दुकानदार राज्य सरकार के संरक्षण में किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे दुकानों की लायसेंस रदद् करके किसानों को धोखा देने के आरोप में जेल भेजना चाहिए।