बारिश में छाते के सहारे रेलवे, रिजर्वेशन काउंटर में छत से गिर रहा पानी, प्लास्टिक और छाता लगाकर टिकट की बुकिंग
सरगुजा: यात्रियों को हाईटेक सुविधाएं देने का दावा करने वाला रेलवे खुद ही बेहाल है. अंबिकापुर रेलवे रिजर्वेशन काउंटर में रेलवे की बेहाली देखने को मिली. यहां रिजर्वेशन काउंटर में बारिश गिरने पर छप टपकने लगी है. हालत ये ही महिला रेलवे कर्मी को पॉलीथिन और छाते के सहारे टिकट बुकिंग प्रिंटर और दूसरे सामानों को बचाना पड़ रहा है.
रिजर्वेशन काउंटर में टपक रही छत: अंबिकापुर के कलेकट्रेट परिसर में मौजूद ई सेवा केंद्र में रेलवे का रिजर्वेशन काउंटर है. एक अकेली महिला रेल कर्मी पॉलीथिन और छाते के सहारे अपने उपकरणों को बचाते हुए शॉर्ट सर्किट की चिंता किये बगैर सेवा दे रही है. यहां रेलवे का टर्मिनल कम्प्यूटर, उनकी लीज लाइन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्रिंटर समेत कई संसाधन ऐसे हैं जिनमे शॉर्ट सर्किट हुआ तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है. साथ ही त्योहार के पहले अगर रेलवे रिजर्वेशन बंद हो गया तो शहर सहित आस पास के जिले के लोगों को रिजर्वेशन जैसी आवश्यक सेवा के लिये भटकना पड़ सकता है.
ई सेवा केंद्र का संचालन जिस भवन में किया जाता है उसकी देख रेख का जिम्मा नगर निगम के अधीन है. इस भवन में रेलवे का रिजर्वेशन काउंटर और ई स्टाम्प का काउंटर संचालित है. इसके साथ ही लोक सेवा केंद्र के 6 और काउंटर बनाए गए हैं. इसी भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष भी मौजूद है जिसमे जिले के आला अधिकारी बैठकर उच्च अधिकारियों से चर्चा करते है. ई सेवा केंद्र का भवन देखरेख के अभाव में जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है. अब आलम यह है कि बारिश में भवन की छत से पानी टपक रहा है. रेलवे रिजर्वेशन काउंटर, ई स्टाम्प व लोक सेवा केंद्र के काउंटर में कर्मचारियों को छाता लेकर काम करना पड़ रहा है. जर्जर भवन की छत से पानी टपकने के कारण एक तरफ उपकरणों के खराब होने का खतरा बढ़ गया है तो वहीं दूसरी ओर सीपेज से फॉल सीलिंग गिर रही है.
ई सेवा केन्द्र में पूरा काम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से होता है, इसलिए बिजली के एक्सटेंशन बोर्ड व पावर प्लग का इस्तेमाल भी ज्यादा होता है. पानी जाने से करंट फैलने और शॉर्ट सर्किट की पूरी संभावना बनी रहती है. हालांकि अधिकारी का कहना है कि जल्द भवन का मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा.