बाराबंकी में सरयू का रौद्र रूप, दर्जनों घर नदी में समाए, कटाव को लेकर दहशत में लोग; अलर्ट पर प्रशासन

बाराबंकी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कटान जारी है. बबुरी और केदारीपुर गांव में लगभग डेढ़ दर्जन घरों में पानी भर जाने के कारण स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है, जबकि बाकी के घरों में भी धीरे-धीरे पानी घुस रहा है. चार घर कटान के बाद रात भर में एक दर्जन घर और नदी में समा गए. वहीं सम्पर्क मार्ग कटने के बाद बाढ़ पीड़ितों का पलायन करना भी मुश्किल हो गया है. कच्चे चकमार्ग से ट्रैक्टर ट्रॉली का गुजरना और दूर पैदल चलना इस समय मुसीबत से कम नहीं है.
बढ़े हुए जलस्तर और तेज गति से हो रहे कटान के बीच सरयू नदी के विनाशलीला जारी है. पाई-पाई जोड़ कर बनाए हुए लगभग 65 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. यहां साढ़े चार सौ से अधिक परिवार बेघर होकर ऊंचे स्थानों या सड़क किनारे शरण लेने को मजबूर हैं. पीड़ित सड़क के किनारे त्रिपाल-बरसाती तानकर अपने परिवार सहित गुजारा करने को मजबूर हैं.
सरयू नदी में समा गया लोगों का घर
इस मुश्किल में फंसे लोग प्रशासन के सहयोग का इंतजार कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं की गई. गांववालों का यह भी आरोप है की हर साल बाढ़ आती है इसके बावजूद भी इस समस्या के लिए कोई परमानेंट व्यवस्था नहीं की जाती है. अगर हम लोगों को बाहर जमीन मिल जाए तो यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाए. केदारीपुर गांव के भोलानाथ रावत रूप रानी रामबाबू नवीन दयाशंकर चंद्र भूषण रूप रानी अमरेश दुर्गेश प्रसाद राजकुमार अनिल कुमार प्रवेश मुकेश नन्हे का मकान सरयू नदी में समा गया है.
कटान प्रभावित गांव केदारपुरी का यह आलम है कि पीड़ित कटान के डर से खुद अपने आशियानों पर हथौड़े चला उसे तोड़ रहे हैं. गृहस्थी के सामान के साथ घर के मलबा को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा भी रहे हैं. उधर सुंदरनगर, बेलहरी, बाबपुरवा, मदरहा और कोडरी आदि गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. सरसंडा का स्कूल भी कटान के जद में आ चुका है. वहीं नदी से स्कूल की दूरी भी 20 मीटर बची है. बाराबंकी के एडीएम अरुण कुमार का कहना है कि गांववालों की समस्या के समाधान पर शासन क्या कर रहा है? उन्हें दूसरी जगह भेजा जा रहा है. लोगों को अनुदान दिया जा रहा है साथ ही खाने की भी व्यवस्था की जा रही है.




