छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

सिलिकोसिस फैलाने वाले फैक्ट्री मालिक के खिलाफ तत्काल दर्ज करें गैर इरादतन हत्या का मामला-उमा राजेंद्र राठौर

कृष्णा इंडस्ट्रीज को गांव से हटाने जिला पंचायत सदस्य ने कलेक्टर समेत राष्ट्रपति से की शिकायत

जांजगीर चाम्पा। सिवनी बहेराडीह में सालों से शासकीय पट्टे की भूमि पर संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। फैक्ट्री में काम करने वाले दर्जनभर से अधिक मजदूरों की मृत्यु सिलिकोसिस नामक जानलेवा बीमारी से हो गई। फिर भी प्रशासन अभी और मजदूरों की मौत का इंतजार कर रही है। तभी तो अभी तक फैक्ट्री मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया है। इससे नाराज जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर ने कलेक्टर समेत कमिश्नर, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आदि को शिकायत भेजी हैं और मामले की उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर शिकायतकर्ता जनप्रतिनिधियों के उपस्थिति में कार्यवाही करने का आग्रह किया गया है।


जिला पंचायत सदस्य उमा राजेंद्र राठौर ने बताया कि सिवनी बहेराडीह मेरा क्षेत्र है। जहाँ सालों से शासकीय पट्टे की भूमि पर नियमविरुद्ध संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज के प्रदूषण से होने वाले सिलिकोसिस नामक जानलेवा बीमारी से अब तक दर्जनभर से अधिक गरीब मजदूरों की अकाल मृत्यु हो गई। इस मामले को लेकर फैक्ट्री के विरुद्ध 11 विन्दुओं पर कलेक्टर के जनदर्शन में ग्रामीणों के साथ मिलकर कई बार लिखित रूप में शिकायत दर्ज किया गया। लेकिन कार्यवाही नहीं होने पर इस मामले की शिकायत कमिश्नर बिलासपुर,प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी, मुख्यमंत्री विष्णु देव् साय,महामहिम राज्यपाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और महामहिम राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू को शिकायत भेजी गई है। उसके बावजूद भी कार्यवाही नहीं होने पुनः स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है।

उन्होंने बताया कि शासन का स्पष्ट रूप से निर्देश है कि यदि कोई फैक्ट्री में पत्थरों की पिसाई का काम होता है और पिसाई के दौरान हवा के साथ उड़ने वाली धूल के कण पर सिलिकॉन पाई जाती है तथा टीबी के साथ साथ मानव शरीर पर सिलिकोसिस नामक जानलेवा बीमारी की मृत्यु की पुष्टि होती है।ऐसे उद्योग मालिक के खिलाफ तत्काल संबंधित थाने में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किये जाने का प्रावधान है लेकिन यहाँ स्थापित कृष्णा इंडस्ट्रीज से एक नहीं बल्कि 6 मजदूरों की मृत्यु सिलिकोसिस से होने की पुष्टि स्थानीय प्रशासन ने किया है और एक मजदूर संतोष यादव के मौत का मामला श्रम न्यायालय में लंबित है। उसके बाद भी अभी तक फैक्ट्री मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज पुलिस थाने में नहीं किया जाना यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन दोषियों को बचाने में लगी है। स्थानीय प्रशासन के इस कृत्य से गांव में भारी आक्रोश व्याप्त है।

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