छत्तीसगढ़

‘तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों पर जवानों ने की फायरिंग’: कांग्रेस ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया खुलासा

रायपुर

बीजापुर के पीडिया में बीते दिनों सुरक्षा बालों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ था। इस मुठभेड़ को प्रदेश कांग्रेस ने फर्जी बताते हुए जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी के सदस्यों से ग्रामीणों से मुलाकात की और रिपोर्ट जुटाया। इसके बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज को रिपोर्ट सौंपा गया। इस संबंध में बैज ने पत्रकारों से चर्चा की है।

बैज ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में आदिवासियों को मारा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की शिकायते बेहद ही गंभीर और संवेदनशील है। आरोप पुलिस पर लगे हैं। आरोपों को गंभीरता को देखते हुए यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की जानी चाहिये। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में इस मुठभेड़ की जांच कराई जाये।

बैज ने आरोप लगते हुए कहा कि पीडिया और ईतावर के ग्रामीण पीडिया जंगल में तेन्दुपत्ता तोडने गये थे। इसी बीच पुलिस गश्त करते हुए पीडिया जंगल पहुंचा, मृतक और घायल लोग पुलिस को देखकर भागने लगे कुछ लोग पेड के ऊपर चढ़ गये। इसी दौरान पुलिस अंधाधुंन फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिसमें 12 लोगों का घटना स्थल पर ही मौत हुआ। छह लोगों का अभी भी जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि पीडित परिवार और ग्रामीणों के अनुसार मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप काम करते थे। बाकी मृतक और घायल कभी भी किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों शामिल नहीं थे और न ही कोई भी उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं था।

पीडिया में 10 मई को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ को मारे गए 12 और छह घायल नक्सली ही थे। बैज ने कहा कि घटना के बाद ग्राम पीडिया और ईतवार के ग्रामीणों का कहना है कि घटना में मारे गये सभी लोग नक्सली नहीं थे। ग्रामीणों के इस दावे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने जांच दल का गठन किया था। जांच टीम में संयोजक संतराम नेताम, सदस्यगण विधायक इन्द्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनकलाल ध्रुव, सावित्री मंडावी, रजनू नेताम, शंकर कुडियम और छविन्द्र कर्मा शामिल थे।

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