‘ये देवता का प्रसाद, जनता और श्रद्धालुओं के लिए परम पवित्र है’ : तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में वकील
नई दिल्ली
तिरुपति देवस्थानम मंदिर के लड्डूओं में कथित रूप से पशुओं की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जा रही है. जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की है. जबकि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन स्वतंत्र जांच समिति (SIT) बनाकर इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है.
क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी के वकील
जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुब्रमण्यन स्वामी के वकील ने कहा निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी, जांच से खुलासा हुआ है. जबकि जिम्मेदार सिस्टम होना चाहिए. क्योंकि ये देवता का प्रसाद होता है, जनता और श्रद्धालुओं के लिए वो परम पवित्र है. सुब्रमण्यम स्वामी के वकील ने कहा कि इस आरोप से सद्भावना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. आरोपों के बाद तिरूपति देवस्थानम के अधिकारी ने खुद कहा है कि मिलावटी घी का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया है.
अगर भगवान के प्रसाद पर कोई सवालिया निशान है, तो उसकी जांच होनी चाहिए. क्या मैं कभी निष्पक्ष जांच की उम्मीद कर सकता हूं? किसी को तो इस बयान के परिणाम का जवाब देना ही होगा. यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्रक्रिया है कि केवल शुद्ध और स्वीकार्य सामग्री ही प्रवेश कर सके. मुख्यमंत्री के बयान को नकार दिया गया है.
वकील ने कहा कि टीटीडी अधिकारी का कहना है कि ‘उस घी’ का 100% इस्तेमाल नहीं किया गया था. क्या सैंपलिंग की गई थी? – क्या सैंपल अस्वीकृत नमूनों से लिया गया था? कौन सा सप्लायर था? – क्या इसमें गलत सैंपल रिपोर्ट की गुंजाइश है? मैं इस सार्वजनिक बयान को एक स्पष्ट तथ्य के रूप में मानता हूं, जिसने कबूतरों पर बिल्ली छोड़ दी है, किसी को निशाना बनाया है और देवता के प्रसाद को नकारात्मक रूप से चित्रित किया है और संदेह पैदा किया है. कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि इसका कभी उपयोग नहीं किया गया.