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‘मालदीव फर्स्ट लेकिन भारत के हितों को नुकसान नहीं’, मुइज्जू ने चीन पर भी कही ये बात

नई दिल्ली

भारत विरोधी रुख अपनाकर सत्ता में आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू हाल के महीनों में भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लगे हुए हैं. चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू इसी क्रम में चार दिवसीय दौरे पर रविवार को भारत पहुंचे हैं. भारत पहुंचने के बाद एक इंटरव्यू में मुइज्जू ने चीन के संदर्भ में भारत-मालदीव रिश्तों पर अहम बात कह दी है. उन्होंने कहा है कि मालदीव कभी कुछ ऐसा नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे.

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने चीन के साथ मालदीव के बढ़ते रिश्तों और उस पर भारत की चिंता पर बात की. मुइज्जू ने कहा कि मालदीव अलग-अलग देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह इस चीज के लिए भी प्रतिबद्ध है कि उसकी गतिविधियों से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से किसी तरह का समझौता न हो.

मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का एक मूल्यवान साझेदार और दोस्त है और ये संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित है. उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव फर्स्ट की नीति का पालन करते हुए उनका देश भारत के साथ अपने दीर्घकालिक और भरोसेमंद संबंधों को प्राथमिकता देना जारी रखेगा.

चीन के साथ मालदीव के बढ़ते संबंधों पर भारत की चिंता के संंबंध में उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि अन्य देशों के साथ हमारे संबंध भारत के सुरक्षा हितों को कमजोर नहीं करेंगे. मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंध बनाए रखेगा. मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनके बीच रक्षा सहयोग हमेशा प्राथमिकता रहेगा.’ मुइज्जू ने इसी साल मालदीव से भारतीय सैनिकों के निष्कासन को उचित बताया, हालांकि उन्होंने कहा कि मालदीव के लोगों की इच्छा पर यह फैसला लिया गया था. मालदीव में मानवीय कार्यों के लिए लगभग 90 भारतीय सैनिक मौजूद थे लेकिन मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में सत्ता में आते ही इन्हें वापस भेजने की घोषणा कर दी थी. इस साल 10 तक ये सभी सैनिक वापस भारत आ गए थे.

भारत-मालदीव संबंध स्थिर हो गए हैं?

इंटरव्यू के दौरान मुइज्जू से पूछा गया कि पिछले साल नवंबर में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह उनकी भारत की पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है. पिछले 10 महीनों से उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुजरने के बाद क्या अब भारत-मालदीव संबंध स्थिर हो गए हैं?

जवाब में मुइज्जू ने कहा, ‘यह भारत की मेरी पहली आधिकारिक यात्रा है और मैं बहुत खुश हूं कि अपने कार्यकाल के पहले साल में ही मैं भारत आ सका. साथ ही मैं इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पहले ही भारत की यात्रा कर चुका हूं. नवंबर में अपने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद मुझे COP28 के दौरान प्रधानमंत्री से मिलने का सौभाग्य भी मिला था. मालदीव और भारत के बीच संबंध हमेशा से मजबूत रहे हैं और मुझे विश्वास है कि यह यात्रा इसे और मजबूत करेगी.’

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