छत्तीसगढ़

रायपुर स्काई वॉक पर सरकार का बड़ा फैसला, जल्द निर्माण होगा पूरा, पीएसए कंस्ट्रक्शन को मिला टेंडर

रायपुर: अधूरे स्काईवॉक का काम जल्द पूरा किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने 37.75 करोड. रुपए स्वीकृत किए हैं. इसकी निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इस निविदा प्रक्रिया में दो कंपनियों ने भाग लिया था. जिसमें से रायपुर की फर्म पीएसए कंस्ट्रक्शन को टेंडर मिला है. यह स्काईवाक पिछले 7 साल से अधूरा है. जिसके पूरे होने की अब उम्मीद जगी है. तत्कालीन रमन सरकार में शुरू हुए स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने रोक लगा दी थी. जिसके बाद अब साय सरकार इस अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने जा रही है.

स्काईवॉक निर्माण के लिए मार्च 2017 में मंजूरी

बता दें कि पूर्ववर्ती रमन सरकार में तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने साल 2016-17 में स्काईवॉक का काम शुरू किया था. लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. इसकी वजह यह भी रही कि बीच में सत्ता परिवर्तन हो गया. कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो गई. कांग्रेस ने इस स्काईवॉक को भाजपा के भ्रष्टाचार का स्मारक बताकर अधूरा खड़ा रहने दिया और इसके काम पर रोक लगा दी. ना तो इसका काम पूरा होने दिया और ना ही इसे तोड़ा.

RAIPUR SKYWALK

सर्वे के बाद शुरू हुआ स्कॉईवॉक का काम

पूर्ववर्ती रमन सरकार ने साल 2016-17 में स्काईवॉक के संबंध में सर्वे कराया था. इसके कंसलटेंट एसएन भावे एसोसिएट मुंबई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था, कि शास्त्री चौक से रोजाना 27 हजार और मेकाहारा चौक से लगभग 14 हजार राहगीर पैदल आना जाना करते हैं. इसके आधार पर स्काईवॉक बनाने का निर्णय रमन सरकार ने लिया उसे दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत थे.

इस रिपोर्ट के आधार पर स्काईवॉक निर्माण के लिए साल 2017 में निविदा बुलाई गई. निविदा में मेसर्स जीएस एक्सप्रेस लखनऊ को 42.55 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया. इस स्काईवॉक का निर्माण कार्य 8 महीने में पूरा किया जाना था. इसकी कुल लंबाई लगभग 1.470 किलोमीटर थी. वहीं इसमें 10 स्थान पर सीढ़ी, 8 जगहों पर एस्केलेटर और 2 जगह पर लिफ्ट लगाना था. कुछ समय बाद इसकी पुनरीक्षित लागत राशि बढ़कर 77 करोड़ रुपए हो गई थी.

कांग्रेस ने स्कॉई वॉक पर उठाए सवाल

भाजपा के लिए जो स्काईवॉक एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था. उस पर कांग्रेस लगातार सवाल खड़े करती रही. कई बार कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा और भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस का आरोप था कि स्काईवॉक प्रोजेक्ट को जल्दबाजी में पारित किया गया है.यह भी कहा गया था कि 50 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली कोई भी बुनियादी ढांचा परियोजना सार्वजनिक निधि निवेश समिति (पीएफआईसी) की मंजूरी के बाद ही क्रियान्वित की जा सकती है. लेकिन इस परियोजना के लिए नियम का पालन नहीं किया गया.

कांग्रेस की माने तो इस दौरान पीएफआईसी की मंजूरी की आवश्यकता को तत्काल में भाजपा सरकार में दरकिनार करते हुए परियोजना की लागत 40.08 करोड] रुपये दिखाई थी और दिसंबर 2017 में इसकी परियोजना लागत बढ़कर 81.69 करोड़ रुपये हो गई थी. इतना ही नहीं संशोधित परियोजना में कुछ ऐसे विवरण भी शामिल किए गए थे जिन्हें रोकी गई परियोजना रिपोर्ट डीपीआर में शामिल किया जाना चाहिए था. उस दौरान कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने 23 अप्रैल 2018 को परियोजना में 12 संशोधन प्रस्तावित किया. जिसके परिणाम स्वरूप सिविल कार्य में ही 15.69 करोड़ रुपए की और वृद्धि हो गई थी.

साय सरकार में दोबारा शुरू हो रहा स्काई वॉक निर्माण

हालांकि साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार की विदाई हो गई. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री बने. अब साय सरकार ने इस अधूरे स्काईवॉक के निर्माण कार्य को पूरा करने का निर्णय लिया है. इतना ही नहीं इसकी निविदा भी जारी कर दी गई. एक कंपनी को टेंडर भी दे दिया गया है, साथ ही इसके लिए 35.75 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है. अब संभावना जताई जा रही कि जल्द से जल्द स्काईवॉक का निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा.

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