रायपुर। ठंड में अंडों की खपत में भारी इजाफा हो गया है। ऐसा होने से इतिहास में पहली बार कीमत भी सातवें आसमान पर चली गई है। पोल्ट्री फार्म में जहां कीमत 6.50 रुपए है, वहीं ग्राहकों को यह थोक में साढ़े सात और चिल्हर में आठ रुपए में मिल रहे हैं। अपने प्रदेश में रोज 80 लाख अंडों का उत्पादन हो रहा है। इसमें से 70 लाख अंडे रोज अपने राज्य के लोग ही डकार जा रहे हैं। मुश्किल से 10 लाख के आसपास ही अंडे दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। सामान्य समय में 40 फीसदी अंडे दूसरे राज्यों में जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का नाम भी ज्यादा अंडे उत्पादन करने वाले राज्यों में शामिल है। यही वजह है कि यहां से दूसरे राज्यों में रोज अंडे जाते हैं। यहां कई बड़े पोल्ट्री फार्म हैं। इनमें लाखों की संख्या में अंडों का उत्पादन रोज होता है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा था, तो पोल्ट्री फार्म वालों ही हालत खस्ता हो गई थी। यहां 20 करोड़ से ज्यादा अंडों को कोल्ड स्टोरेज में रखना पड़ा था। स्थिति अंडों को फेंकने की आ गई थी, लेकिन था। स्थिति अंडों को फेंकने की आ गई थी, लेकिन लॉकडाउन हटने के कारण राहत मिली थी। एक साल पहले दो माह का सावन पड़ने के कारण भी अंडों का स्टॉक कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था। इस बार भी सावन में लाखों अंडों को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था, क्योंकि सावन में खपत कम हो जाती है।
अंडों की गर्मी और बारिश के समय कीमत बहुत कम होती है। गर्मी में अंडों के खराब होने का खतरा भी रहता है। ऐसे में पोल्ट्री फार्म में इसकी कीमत तीन रुपए से कम और थोक में साढ़े तीन और चिल्हर में चार रुपए के आसपास रहती है, लेकिन इस बार गर्मी में भी कीमत आसमान पर रही है। गर्मी में इस बार अंडा चिल्हर में साढ़े छह रुपए तक बिका है। बार अंडा चिल्हर में साढ़े छह रुपए तक बिका है। लेकिन ठंड में खपत बढ़ने के साथ कीमत भी और बढ़ गई है। इस समय पोल्ट्री फार्म में यह 6.50 रुपए हो गया है। वहां से डीलर लाकर थोक और चिल्हर कारोबारियों को सात रुपए में बेच रहे हैं। ऐसे में यह किराना दुकान, आलू, प्याज, दुकान, चिकन दुकानों में दर्जन में साढ़े सात रुपए के हिसाब से और चिल्हर में दो-तीन पीस लेने पर आठ रुपए में मिल रहा है।
ठंड में खपत बढ़ी
आमतौर पर प्रदेश में ठंड में अंडों की खपत बढ़ जाती है। सामान्य समय में जब यहां रोज 80 लाख अंडों का उत्पादन होता है, तो इसमें से 30 से 40 फीसदी यानी 20 से 30 लाख अंडे दूसरे राज्यों में जाते हैं, लेकिन ठंड में बाहर के राज्यों में भेजने के लिए बहुत कम अंडे बच रहे हैं। पोल्ट्री फार्म कारोबारियों की मानें, तो इस समय दूसरे राज्यों में मुश्किल से 10 से 12 फीसदी ही अंडे यानी करीब दस लाख अंडे ही जा रहे हैं। बाकी की खपत अपने राज्य में हो रही है।