नशा कर रहा नास : गोलियां खरीदने अपराधों को अंजाम दे रहे युवा और बच्चे, तीन युवकों ने दे दी जान
धरसींवा
छत्तीसगढ़ के धरसीवां ब्लॉक के सिलतरा में खुलेआम सूखा नशा का कारोबार फल- फूल रहा है। जिसे रोकने में स्थानीय पुलिस पूरी तरह से फ़िसड्डी साबित हो रही है। जिसके बड़े ही गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। लूटपाट और चोरी के साथ युवा नशे में चूर होकर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। बीते शुक्रवार को आसपास के तीन गांवो में तीन युवकों ने आत्महत्या कर ली है। जिसमें कही न कही नशा ही बड़ा कारण बन कर सामने आया है।
धरसींवा ब्लॉक में नाइट्रो टेन, सिलोशन सहित अन्य टेबलेट की नशा और कारोबार खुलेआम किया जा रहा है। यहां तक की छोटे-छोटे बच्चे भी मादक पदार्थो के आदी होते जा रहे हैं। स्कूलों के सामने खुली पान-चाय की दुकानों पर उपलब्ध गुटखा, गांजा, भांग इत्यादि वस्तुए बिक रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों बच्चे नशे के लिए एक नई तरकीब अपनाते देखे जा रहे हैं।
8-10 साल के बच्चे कर रहे हैं नशा
छोटे बच्चे नशे के लिए बाजार में सर्वथा उपलब्ध सनफिक्स बांड फिक्स इत्यादि के धड़ल्ले से उपयोग करते देखे जा रहे हैं। कई बच्चे इस सनफिक्स के इस कदर आदि हो चुके हैं कि वे दिन भर में 5-6 पैक तक सनफिक्स को सूंघ कर खत्म कर देते हैं। नशे के रूप में सनफिक्स का प्रयोग कर रहे एक 8 वर्षीय बच्चे से पूछने पर बताया कि, इसे सूंघने से काफी आनंद मिलता है।
नाइट्रोटेन गोली की वजह से बढ़ रहा अपराध
इलाके में नाइट्रोटेन टेबलेट और सिलोशन सस्ते और सुलभ नशे का कारोबार अंचल में सिर चढ़कर बोल रहा है। सूखे नशे की लत में युवाओं का भविष्य अंधकार में पहुंच रहा है और आबकारी और पुलिस इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। वहीं कुछ होटलों में पार्टी की आड़ में युवाओं को हरी और काली पुड़ियों में गांजा और टेबलेट परोसा रहा है। नशे की ऐसी लत लग चुकी है कि, सुबह से ही स्कूल और कालेजों के आसपास कुछ संदिग्ध युवा परिक्रमा करते नजर आते हैं।
सिलतरा और सांकरा में बढ़ा अपराध का ग्राफ
नशा और नशाखोर आमजन के लिए ही नहीं, अपितु पुलिस के लिए भी बड़े सिदरर्द बन रहे हैं। नशे में चूर ये युवक सड़को में आए दिन राहगीरों से छीना-झपटी कर रहे हैं। पुलिस भी बेबस नशेड़ियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई नहीं कर पा रही। बल्कि, हर दिन पकड़े जाने वाले नशेड़ियों की सार- संभाल और उन्हें सुरक्षित रखने में उन्हें अलग से मशक्कत और करनी पड़ती है। ऐसे हालात में पुलिस नशाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी नहीं कर पा रही है। हैरत की बात है कि, नशे की लत के शिकार होने वाले सबसे अधिक युवा व नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 15 से 30 साल के बीच है। कई युवाओं की इन बुरी आदतों के चलते उनका परिवार ही बर्बादी की कगार पर आ या है। सिलतरा और सांकरा में खुलेआम गांजा, अफीम, स्मैक का कारोबार हो रहा है। नशे के आदी युवा अब बेखौफ होकर सड़कों पर राहगीरों से छीना-झपटी व चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
बच्चों को नशे से बचाए – डाक्टर विकास तिवारी
धरसींवा स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर विकास तिवारी ने कहा कि, समाज तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में किशोर वर्ग तथा नौनिहालों का महत्वूपर्ण योगदान हो सकता है और लगातार होता भी रहा है। देश की आंखें इन पर अटकी रहती है। ये हमारे राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं। यदि आज धरातल पर उनके अस्तित्व को हम नहीं सहेजे तो उन्हें भविष्य का कर्णधार कैसे कह सकते हैं। उचित और अनुकूल संरक्षण के द्वारा ही इन्हें सुदृढ़ बनाया जा सकता है। लेकिन यदि उचित एवं अनुकूल संरक्षण के अभाव में छोटी सी उम्र से ही नशा एवं व्यवसन की लत में पड़ जाए तो ये राष्ट्र निर्माण के वाहक न रहकर विध्वंस और अव्यवस्था के प्रतीक बनकर रह जाएंगे। हमें देश के भविष्य को बचाना हो तो नशे के खिलाफ लड़ना होगा।
नशे के खिलाफ अभियान चला रही है पुलिस- टीआई
इस पूरे मामले को लेकर धरसींवा थाने के टीआई राजेन्द्र दीवान ने कहा कि, रायपुर पुलिस लगातार नशा के खिलाफ अभियान चला रही है। हमारी टीम लगातार कार्यवाही कर रही है। पुलिस ऐसे नशेड़ियों और कारोबारियों पर नजर रखे हुए है।