
भिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 6 जून 2025 को चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को राष्ट्र को समर्पित किया। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) और भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) ने इस ऐतिहासिक संरचना में अहम भूमिका निभाई है, जिसमें कुल 16,000 टन इस्पात की आपूर्ति की गई।
भिलाई का योगदान, देश का गौरव
सेल के इस्पात संयंत्रों ने जम्मू-कश्मीर में निर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल में उपयोग हेतु 6690 टन टीएमटी उत्पाद, 1793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7511 टन स्टील प्लेट्स, हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेटों सहित कुल 16,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है। पुल के निर्माण हेतु सेल द्वारा आपूर्ति की गई इस्पात में से, भिलाई इस्पात संयंत्र ने 5922 टन टीएमटी स्टील, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है। सेल के बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड ने भी स्टील की आपूर्ति की है।
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
पुल की लंबाई: 1.3 किमी
नदी तल से ऊँचाई: 359 मीटर (एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊँचा)
यह पुल 266 किमी/घंटा की हवा और भूकंप के झटकों को भी झेलने में सक्षम है।
यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के अंतर्गत कटरा से बनिहाल के बीच यातायात को सुलभ बनाएगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में भिलाई स्टील की अहमियत