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अब कलेक्टर पेट्रोल पंप पर नही कर सकेंगे कार्यवाही, सीधा हस्तक्षेप खत्म

रायपुर :  छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब पेट्रोल पंप के संचालन के संचालन के लिए ना तो कलेक्टर के NOC की जरूरत होगी और ना ही कलेक्टर से रिनुएल की जरूरत होगी। राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद पेट्रोल पंप पर कलेक्टर का सीधा हस्तक्षेप खत्म हो गया है। कलेक्टर अब किसी भी पंप संचालक के खिलाफ सीधे कार्रवाई भी नहीं कर सकेंगे।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव अन्बलगन पी की ओर से आदेश जारी होने के बाद इसकी अधिसूचना राजपत्र में भी प्रकाशित कर दी गई है। दरअसल लाइसेंस के नाम पर वसूली की शिकायत और गड़बड़ी की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने को लेकर सरकार ने ये सख्त कदम उठाया है।

अभी तक पेट्रोलियम कंपनियों के साथ ही कलेक्टर से पेट्रोल पंप के संचालन के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था। कलेक्टर के लाइसेंस के बाद ही पेट्रोल पंपों का संचालन किया जा सकता था। इसके साथ ही पंप में मिलावट या नाप से कम देने की शिकायत पर कलेक्टर सीधे कार्रवाई करते थे। वहीं पेट्रोल पंप के लाइसेंस की औपचारिकता और उसकी मॉनीटरिंग की खाद्य विभाग करता था। पेट्रोल पंप के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर कार्रवाई भी खाद्य विभाग करता था।

कलेक्टोरेट से मिलने वाले लाइसेंस को हर साल रिनेवल भी कराना पड़ता था। संचालकों को यह छूट भी दी गई थी कि वे तीन साल का लाइसेंस फीस एक साथ अदा कर लाइसेंस तीन साल के लिए वैध करा सकते थे। लेकिन रिनुएल के नाम पर भी काफी गड़बड़ियां होती थी। लेकिन अब सरकार के इस फैसले के बाद पेट्रोल पंप संचालकों की परेशानियां काफी हद तक खत्म हो जायेगी।

अब पेट्रोल पंपों में किसी तरह की परेशानी या कम नाप की शिकायत मिलने पर ग्राहक सीधे पेट्रोलियम कंपनी में शिकायत कर सकेंगे। इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा।

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