छत्तीसगढ़ में एक लाख फर्जी आधार में 162 वर्षीय वृद्धा की तलाश, 100 साल से ज्यादा के 1806 लोग

रायपुर: राज्य में लगभग एक लाख फर्जी आधार कार्ड का मामला सामने आया है। राशनकार्ड सत्यापन और ई-केवाईसी के दौरान चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। खाद्य नागरिक आपूर्ति संचालनालय की जांच में सामने आया कि 100 वर्ष से अधिक आयु के 1806 लोगों के आधार नंबर का उपयोग कर राशनकार्ड बनाए गए हैं। इसमें 162 वर्षीय एक महिला के आधार नंबर से राशन कार्ड बनाकर पुरुष सदस्य का नाम जोड़ दिया गया है।
राशन वितरण प्रणाली में ऐसे सदस्य भी सूचीबद्ध मिले हैं, जिनके आधार कार्ड निष्क्रिय हैं। ये लोग दूसरे राज्यों या देशों से संबंधित हैं या फिर उम्रदराज और मृत घोषित हो चुके हैं। इन सदस्यों के नाम पर सरकारी चावल उठाया गया व स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का भी लाभ लिया गया है।
बता दें कि खाद्य संचालनालय ने कलेक्टरों को सूची भेजते हुए डुप्लीकेट आधार वाले सदस्यों, 100 वर्ष से अधिक उम्र व निष्क्रिय आधारधारकों की जांच के निर्देश दिए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि ऐसे कई मामलों में स्वजन द्वारा मृत या अनुपस्थित सदस्यों के नाम पर चावल के साथ ही अन्य योजनाओं का लाभ उठाया।
प्रदेश में राशन कार्ड सत्यापन के लिए ई-केवाईसी कराई जा रही है। जिसमें कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सत्यापन के दौरान पता चल रहा है कि प्रदेश में 1 लाख के अधिक फर्जी आधार कार्ड बनाए गए हैं। जिसके जरिए राशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ उठाया जा रहा है। अकेले राजधानी में डुप्लीकेट आधार से राशनकार्ड बनवाने वालों का आंकड़ा 18 हजार से अधिक है।
इसे लेकर अब प्रशासन अलर्ट पर आ गया हैष खाद्य संचालनालय ने संबंधित जिलों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे फर्जी राशन कार्डों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर सदस्यों का नाम कार्ड के हटाया जाएगा। इसके लिए जिला कलेक्टरों को विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं फर्जी कार्डों के माध्यम से वर्षों से उठाए गए राशन की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। जिन राशन दुकानों या अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके विरुद्ध विभागीय जांच की तैयारी की जा रही है।
इस पूरे मामले को लेकर भूपेंद्र मिश्रा, नियंत्रक, खाद्य विभाग का कहना है कि डुप्लीकेट आधार की जांच को लेकर मुख्यालय से मिली सूची व जानकारी की जांच कर रिपोर्ट देना है। साथ ही, उन लाभार्थियों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है, जिन्होंने झूठे दस्तावेजों के आधार पर लाभ उठाया है।
पूरे राज्य में 100 वर्ष से अधिक उम्र के 1,806 सदस्य राशन कार्ड में दर्ज हैं, जिनके नाम पर न केवल राशन उठाया गया बल्कि कई बार स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं का भी लाभ लिया गया। बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर और सक्ती में सबसे अधिक शतायु सदस्य चिह्नित हैं।