छत्तीसगढ़जांजगीर चांपा

आंदोलन में शामिल होने जा रही मितानिनों को पुलिस ने रोका, तो स्टेशन पर ही बैठ मितानिनों ने की नारेबाजी

जांजगीर-चांपा। रायपुर में आयोजित प्रदर्शन में जा रही मितानिनों को पुलिस ने रेलवे स्टेशन में रोका। सुबह से ही जिले भर की मितानिन अपनी मांगों को लेकर रायपुर सीएम हाउस धरना प्रदर्शन में जाने निकली। जिन्हें स्थानीय पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी द्वारा रेलवे स्टेशन में ही रोक दिया गया। सुबह से ही रेलवे स्टेशन में पुलिस और मितानिनों की भीड़ जमा हो गई। चुनावी घोषणाओं को पूरा कराने अपनी मांगों को लेकर मितानिन सैकड़ों की संख्या में रायपुर जाने घर से निकली थी। पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने से सभी मितानिन काफी गहमा गहमी के बीच स्टेशन पर ही बैठ गई। मितानिनों का कहना है कि उन्हें वर्ष 2023 में स्वास्थ्य मिशन में नियुक्त किया जाएगा, लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें नियुक्त नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगातार धोखे में रखकर मितानिनों से 11 महीने तक कार्य कराया गया। वही वर्तमान समय में दिल्ली के एक एनजीओ के अंदर सभी मितानिनों को रख दिया गया। मितानिनों ने यह भी कहा कि जब स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत रखना ही नहीं था तो घोषणा क्यों किया? स्टेशन परिसर में उपस्थित मितानिनों ने साय सरकार हाय हाय, हल्ला बोल, गांवों गली में डबरा है विष्णु सरकार लबरा है के नारों के साथ अपनी पीड़ा रखी। फिलहाल स्थानीय पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी चांपा स्टेशन पर ही उन्हें घंटों रोके रखी। मितानिनों ने कहा साय सरकार मितानिनों की आवाज दबाना चाहती है।


सुबह से ही स्थानीय पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी स्टेशन पर मितानिनों को रोक रही थी। जिसके चलते वे रायपुर आंदोलन में नहीं पहुंच पाए। पुलिस पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी मांगों के लिए हम रायपुर जा रहे थे। पुलिस ने जबरदस्ती हमे जाने से रोक दिया। सभी मितानिन नियम से ट्रेन का टिकट कटाकर जा रहे थे। लेकिन पुलिस वालों ने जबरदस्ती हमारा रास्ता रोका।

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महिलाओं की भीड़ रोकने लगभग सैकड़ों महिलाओं पर सिर्फ 2 महिला आरक्षक पहुंची थी। किसी अप्रिय स्थिति से निपटने स्थानीय पुलिस के पास महिला आरक्षकों की भी कमी है। जिसके चलते पुरुष पुलिसकर्मियों को मितानिन महिलाओं को रोकना पड़ा।


मितानिनों को घंटों स्टेशन में रोकने के बाद अंत में मितानिनों ने एसडीएम, तहसीलदार को अपना ज्ञापन सौंपा।

प्रमुख मांगे

  1. चुनावी घोषणा पत्र 2023 के वादे के अनुसार मितानिन, प्रशिक्षक, हेल्थ डेस्क फैसिलिटेटर एवं ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को एनएचएम अंतर्गत नियमित किया जाए।
  2. वेतन/क्षतिपूर्ति में 50 प्रतिशत वृद्धि की जाए।
  3. एनजीओ के माध्यम से कार्य कराने की ठेका प्रथा तत्काल बंद की जाए।
    संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो प्रदेशभर में मितानिन कार्य पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा।

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