प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे रायपुर, दो दिनों तक डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस के 6 सत्रों में होंगे शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित IIM में आयोजित डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को रायपुर पहुंचे। पीएम मोदी स्पीकर निवास में रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को डीजीपी-आईजी कांफ्रेंस में शामिल होंगे। रायपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, राज्यपाल रमेन डेका समेत कई बीजेपी नेताओं ने पीएम मोदी का स्वागत किया।
आईआईएम में आयोजित 3 दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान कुल 8 सत्र होंगे। पहले दिन याने शुक्रवार को दो, शनिवार को चार और तीसरे दिन रविवार को दो सत्र होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनमें से शनिवार और रविवार होने वाले छह सत्रों में शामिल होंगे। पीएम मोदी 29 नवंबर को IIM में होने वाली कॉन्फ्रेंस में सुबह 8 बजे से रात 8:30 तक शामिल होंगे। वहीं 30 नवंबर को सुबह 8 बजे से शाम 4:30 तक कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे। इसके बाद 30 नवंबर को शाम 5 बजे एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ में हो रहे कांफ्रेंस का वर्तमान स्थिति को देखते हुए खास महत्व है।
गृहमंत्री शाह ने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को किया सम्मानित
इस सम्मेलन के पहले दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशनों को सम्मानित किया। इस वर्ष गाजीपुर थाना, दिल्ली को प्रथम स्थान मिला। दूसरा स्थान अंडमान के पहरगांव थाना और कर्नाटक के कवितला, रायचूर थाना को तीसरा स्थान मिला है। अलग-अलग श्रेणियों में थानों के बीच प्रतियोगिता हुई और 70 थानों में से टॉप टेन थाना का चयन किया गया, जिसके बाद यह पुरस्कार दिया गया है। गाजीपुर थानेदार यू. बाला शंकरन ने बताया कि यह पुरस्कार 70 अलग-अलग कैटेगरी शामिल थे, जिसके आधार पर यह पुरस्कार मिला है। इन कैटेगरी में थाने के अंदर और बाहर लोगों से कैसे बातचीत करना है, थानों में साफ सफ़ाई, लोगों से व्यावहार, मामलों का निपटारा और अपराधों की लंबित स्थिति (पेंडेंसी) जैसे पैमाने शामिल थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा के विविध मुद्दों पर होगी चर्चा
यह सम्मेलन देशभर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा प्रशासकों को राष्ट्रीय सुरक्षा के विविध मुद्दों पर खुले और सार्थक विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण संवादात्मक मंच प्रदान करता है. यह पुलिस बलों के सामने आने वाली परिचालन, अवसंरचनात्मक और कल्याण संबंधी चुनौतियों पर चर्चा के साथ-साथ अपराध से निपटने, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और आंतरिक सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए पेशेवर प्रथाओं के निर्माण और साझाकरण को भी सुगम बनाता है.




