छत्तीसगढ़

उद्यानिकी फसलें भी अब ‘न्याय’ के दायरे में, फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वालों को मिलेगी सब्सिडी

फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वालों को मिलेगी प्रति एकड़ 9 हजार की सब्सिडी

रायपुर 

राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में अब खरीफ सीजन की उद्यानिकी फसलों को भी शामिल कर लिया है। राज्य में खरीफ मौसम में फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी) मिलेगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पूर्व में खरीफ सीजन 2021-22 में धान, गन्ना, मक्का, अरहर, सोयाबीन, दलहन-तिलहन के उत्पादक किसानों को इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान था। बाद में इस योजना में कोदो, कुटकी और रागी को भी शामिल कर लिया गया। पिछले दिनों 8 सितम्बर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में योजना के तहत उद्यानिकी फसलों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा मिलेगा।

ये खेती होगी शामिल
उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी. ने बताया कि खरीफ मौसम में राज्य में फलोत्पादन के तहत केला, पपीता, नाशपाती, अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला एवं नींबू वर्गीय फसलें तथा सब्जी की खेती के अंतर्गत टमाटर, आलू, भिंडी, बैगन, शकरकंद एवं कद्दू वर्गीय फसलें, पुष्प के अंतर्गत गुलाब एवं गेंदा फूल की खेती, मसाले की अंतर्गत मिर्ची, हल्दी, अदरक उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ की मान से 9 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। काजू प्लांटेशन करने वाले कृषकों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

प्रदेश में यह फल, सब्जी, फूल व मसालों की खेती
4 लाख 98 हजार 271 हेक्टेयर में सब्जी

2 लाख 54 हजार 754 हेक्टेयर में फल
13 हजार 89 हेक्टेयर में फूल

67 हजार 765 हेक्टेयर में मसाला
3500 हेक्टेयर में औषधि एवं सुगंधित फसलें

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